इस बार नवरात्र में अष्टमी-नवमी एक ही दिन है। ऐसा संयोग 19 साल बाद आया है। आज उपवास रख रहे लोग अपना व्रत खोलेंगे।
मंदिरों से लेकर घरों तक पूजा की तैयारियां की जा रही है। मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। अष्टमी और नवमी एके एक ही दिन पड़ने से इस बार नवरात्रि आठ दिनों की है।
नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और कन्या पूजन करते है। नवरात्रों में कन्या पूजन का विशेष महत्व और लाभ हैं।
सूर्योदनी अष्टमी 25 मार्च रविवार को सुबह 8.00 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी शुरू हो जाएगी। सुबह 9 बजे से पहले नवमी तिथि शुरू होने के कारण पूरे दिन व्यापनी नवमी तिथि जाएगी।
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कन्याओं की ऐसे करें पूजा
कन्या पूजन को मां का स्वरुप कहा जाता है। पूजन के लिए नौ कन्याओं को घर में आमंत्रित करना चाहिए। पहले उनके पैरों को धोएं और साफ़ करें।
इसके बाद उन्हें साफ़ स्थान पर बिठाये। उनके माथे पर कुमकुम या तिलक लगाएं और कलाई पर मौली बांधे। पूजन समाप्त होने के बाद पूरी , हलवा और चना भोग के रूप मे दें तथा दक्षिणा देकर विदा करें। कन्याओं के जाने से पहले घर के सदस्य अवश्य उनका आशीर्वाद लें।
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Source : News Nation Bureau