इस साल 6 अप्रैल से चैत्र नवरात्र (Chaitra Navaratri) शुरू होने जा रहे हैं. हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार चैत्र मास में साल का नया वर्ष होता है. चैत्र नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहेगी. इन नौ दिनों मे मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि पर कई शुभ योग भी बन रहा है. तो साल में दो बार नवरात्र आते हैं लेकिन दोनों ही नवरात्र का महत्व और पूजा विधि अलग-अलग है. इस बार यह भी कहा जा रहा है कि इस बार नवमी भी दो दिन मनेगी.
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कलश स्थापाना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navaratri) 6 अप्रैल के दिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को अभिजीत मुहूर्त में 6 बजकर 9 मिनट से लेकर 10 बजकर 19 मिनट के बीच स्थापना करना बेहद शुभ होगा.
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पहला नवरात्र- 6 अप्रैल, स्थापना व मां शैलपुत्री पूजा, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
दूसरा नवरात्र- 7 अप्रैल, मां चंद्रघंटा पूजा
तीसरा नवरात्र- 8 अप्रैल, मां कुष्मांडा पूजा
चौथा नवरात्र- 9 अप्रैल, मां स्कंदमाता पूजा
पांचवां नवरात्र- 10 अप्रैल, सरस्वती आह्वाहन
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छठा नवरात्र- 11 अप्रैल, मां कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्र- 12 अप्रैल, मां कालरात्रि पूजा
आठवां नवरात्र- 13 अप्रैल, दुर्गा अष्टमी
नवमी- 14 अप्रैल, मां महागौरी पूजा, महानवमी
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चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि का महत्व बहुत ज्यादा है. यदि कोई भक्त चैत्र नवरात्रि में बिना किसी इच्छा के मां दुर्गा की पूजा व अर्चना करता हैं तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. और उसका पूरा जीवन सुखमय व्यतीत होता है.
Source : Akanksha Tiwari