चैत्र नवरात्र 2019 (Chaitra Navratri 2019) इसी हफ्ते के शनिवार 6 अप्रैल से पहला नवरात्र मनाया जाएगा. पहले दिन मां दुर्गा की पहली शक्ति देवी शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाएगी. हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार चैत्र मास में साल का नया वर्ष होता है. चैत्र नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहेगी. इन नौ दिनों मे मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि पर कई शुभ योग भी बन रहा है. तो साल में दो बार नवरात्र आते हैं लेकिन दोनों ही नवरात्र का महत्व और पूजा विधि अलग-अलग है, जानिए नवरात्रि पूजा सामग्री एवं विधि.
नवरात्रि कलश स्थापना के लिए सामग्री (Navratri Sthapana)
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- चावल, सुपारी, रोली, जौ, सुगन्धित पुष्प, केसर
- सिन्दूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार सामग्री, दूध
- दही, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण
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- यज्ञोपवीत, मिट्टी का कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र
- चन्दन, चौकी, लाल वस्त्र, धूप, दीप, फूल, स्वच्छ मिट्टी
- थाली, जल, ताम्र कलश, रूई, नारियल आदि.
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नवरात्रि पूजा विधि (Navaratri Poojan Vidhi)
- मां दुर्गा का चित्र स्थापित करें एवं पूर्वमुखी होकर मां दुर्गा की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं
- फिर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर चावल के नौ कोष्ठक, नवग्रह एवं लाल वस्त्र पर गेहूं के सोलह कोष्ठक बनाएं
- एक मिट्टी के कलश पर स्वास्तिक बनाकर उसके नीचे गेहूं अथवा चावल डाल कर रखें.
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- उसके बाद उस पर नारियल रखें, उसके बाद तेल का दीपक एवं शुद्ध घी का दीपक प्रज्जवलित करें.
- मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर हल्का सा गीला करके उसमें जौ के दाने डालें, उसे चौकी के बाईं तरफ कलश के पास स्थापित करें.
Source : Akanksha Tiwari