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Chaitra Navratri 2021: आज से हर घर में पधारेंगी मां दुर्गा, जान लें कलश स्थापना विधि और मुहूर्त

कोरोना महामारी संकट के बीच देशभर में आज यानि कि मंगलवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहा है. पूरे नौ दिन भक्त देवी के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करेंगे. चैत्र नवरात्रि को गुप्त नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है.

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Vineeta Mandal
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Chaitra Navratri 2021( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोरोना महामारी संकट के बीच देशभर में आज यानि कि मंगलवार से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहा है. पूरे नौ दिन भक्त देवी के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करेंगे. चैत्र नवरात्रि को गुप्त नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि जिसे सिद्धियां प्राप्त करनी होती है वो चैत्र नवरात्रि में खास पूजा अर्चना करते हैं.  हिंदू धर्म में चैत्र नवारत्रि का विशेष महत्व और अधिक मान्यता है. बता दें कि साल में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. दीपावली से पहले मनाई जाने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्र कहते हैं. दोनों ही नवरात्रि में नौ दिन का उपवास रखा जाता है. 

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की अराधना की जाती हैं.  चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक रहेगा.

और पढ़ें: मां दुर्गा की उपासना शुरू करने से पहले कर लें ये काम, कल से शुरू चैत्र नवरात्रि

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 

प्रतिपदा प्रारंभ तिथि - 12 अप्रैल सुबह 08:00 बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त- 13 अप्रैल सुबह 10:16 बजे तक

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त- 13 अप्रैल सुबह 05:58 बजे से 10:14 बजे तक

कुल अवधि- 4 घंटे 16 मिनट

ऐसे करें कलश स्थापना

- चावल, सुपारी, रोली, जौ, सुगन्धित पुष्प, केसर

- सिन्दूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार सामग्री, दूध

- दही, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, वस्त्र, आभूषण

- यज्ञोपवीत, मिट्टी का कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र

- चन्दन, चौकी, लाल वस्त्र, धूप, दीप, फूल, स्वच्छ मिट्टी

- थाली, जल, ताम्र कलश, रूई, नारियल आदि

जानें किस दिन होगी कौनसी देवी की पूजा-

13 अप्रैल प्रतिपदा- घट/कलश स्थापना-शैलपुत्री

14 अप्रैल द्वितीया- ब्रह्मचारिणी पूजा

15 अप्रैल तृतीया- चंद्रघंटा पूजा

16 अप्रैल चतुर्थी- कुष्मांडा पूजा

17 अप्रैल पंचमी- सरस्वती पूजा, स्कंदमाता पूजा

18 अप्रैल षष्ठी- कात्यायनी पूजा

19 अप्रैल सप्तमी- कालरात्रि, सरस्वती पूजा

20 अप्रैल अष्टमी- महागौरी, दुर्गा अष्टमी, निशा पूजा

21 अप्रैल नवमी- नवमी हवन, नवरात्रि पारण

नवरात्रि व्रत करने कि विधि-

1. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्‍थापना कर नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्‍प लें.

2. पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें.

3. दिन के समय आप फल और दूध ले सकते हैं.

4. शाम के समय मां की आरती उतारें.

5. सभी में प्रसाद बांटें और फिर खुद भी ग्रहण करें.

6. हो सके तो व्रत के दौरान अन्‍न न खाएं, सिर्फ फलाहार ग्रहण करें.

7. अष्‍टमी या नवमी के दिन नौ कन्‍याओं को भोजन कराएं. उन्‍हें उपहार और दक्षिणा दें.

8. अगर संभव हो तो हवन के साथ नवमी के दिन व्रत का पारण करें.

9. नवरात्रि व्रत के दौरान किसी का दिल न दुखाएं और न अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान करें.

10. संभव हो तो पूरे नौ दिन दुर्गा पाठ करें.

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