Maa Kalratri wrath on Shani Dev, Relief in Sadhe Sati and Dhahiya: मां कालरात्रि के प्रकोप से थर थर कांपते हैं शनिदेव, ढैय्या और साढ़े साती की पीड़ा हो जाती है नष्ट

माता कालरात्रि की पूजा से शनि देव का प्रकोप शांत होता है और साढ़े साती और ढैय्या की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है. 

माता कालरात्रि की पूजा से शनि देव का प्रकोप शांत होता है और साढ़े साती और ढैय्या की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है. 

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Gaveshna Sharma
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मां कालरात्रि के क्रोध से ढैय्या और साढ़े साती की पीड़ा हो जाती है नष्ट

मां कालरात्रि के क्रोध से ढैय्या और साढ़े साती की पीड़ा हो जाती है नष्ट ( Photo Credit : Social Media)

Maa Kalratri wrath on Shani Dev, Relief in Sadhe Sati and Dhahiya: चैत्र नवरात्रि का व्रत (Chaitra Navratri 2022) का पर्व हर साल चैत्र मास (Chaitra Month) के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं. आज नवरात्रि का सातवां दिन है. नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति देवी कालरात्रि की पूजा करने का विधान है. मां कालरात्रि माता पार्वती का वो स्वरुप हैं जिनकी न सिर्फ सात्विक अपितु तामसिक पूजा भी जाती है. माता कालरात्रि की पूजा से शनि देव का प्रकोप शांत होता है और साढ़े साती और ढैय्या की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है. 

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'रक्तबीज' का किया था वध (raktbeej vadh)
मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा ने रक्तबीज का वध करने के लिए अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया था.

'शनि' को भी नियंत्रित करने की रखती हैं क्षमता
ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनिदेव को नियंत्रित करती हैं. नवरात्रि में इनकी विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या के प्रभाव से मुक्ति मिलती है. 

काल का नाश करती हैं 'कालरात्रि'
शास्त्रों के अनुसार कालरात्रि को काल का नाश करने वाली देवी माना गया है. इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरूप को कालरात्रि कहा गया है. ये भक्तों के सभी दुःख और संताप दूर करती हैं. इनकी पूजा से प्राणी अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है.

कालरात्रि पूजा मुहूर्त (Chaitra Navratri 2022 Day 7: Goddess Kalaratri Puja Shubh Muhurat)
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए 8 अप्रैल 2022 को विशेष संयोग बना हुआ है. आइए जानते हैं इस दिन का पंचांग-

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi)- सप्तमी
आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshatra)- आद्रा
आज का योग (Aaj Ka Yoga)- शोभन (प्रात: 10 बजकर 29 मिनट तक)
चंद्रमा (Chandrama)- मिथुन राशि
आज का राहु काल (Aaj Ka Rahu kaal)- प्रात: 10 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक

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