Chaitra Navratri 2023 : नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. इस दिन इनकी पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं. ब्रह्म का अर्थ है, तपस्या और तारिणी का मतलब है आचरण करने वाली. यानी कि ब्रह्मचारिणी का अर्थ यह है तप का आचरण करने वाली. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में मां ब्रह्मचारिणी को किस चीज का भोग लगाना चाहिए, घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए नवरात्रि में किन उपायों को करना चाहिए, इसके साथ ही इस दिन किन शक्तिशाली मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है. इनके पूजा का महत्व क्या है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.
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नवरात्रि के दूसरे दिन करें ये खास उपाय
चैत्र माह के शक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मां ब्रह्मचारिणी को चांदी का वस्तु दान करना चाहिए. इस दिन ज्ञान प्राप्ति के लिए मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. इससे करियर से संबंधित सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है.
इस विधि से करें मां की पूजा
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें. उन्हें पंचामृत का भोग लगाएं. साथ ही इस मंत्र का 11 माला जाप करें.
ऊं एं नमः मंत्र. इससे व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होता है.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए करें इस खास रंग का प्रयोग
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. इस दिन पीले और सफेद रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि ये दोनों रंग मां को बेहद प्रिय है. इससे आपको मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.
जानें क्या है नवरात्रि के दूसरे दिन अराधना का शुभ मुहूर्त
इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की अराधना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 22 मिनट से लेकर 07 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
जानें क्या है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व
इस दिन मां दुर्गा की दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का खास महत्व है. इस दिन इनकी पूजा करने से आपको सभी कार्यों में सफलता मिलेगी.
जानें इस दिन अखंड ज्योत स्थापित करने का सही दिशा क्या है
इस दिन अखंड ज्योत को दक्षिण पूर्व दिशा की तरफ रखना चाहिए. इससे अगर आपके विवाह में किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही है, तो वह दूर हो जाएगा.
इस दिन करें इस खास मंत्र का जाप
इस दिन 5 सुपारी को लाल कपड़े में बांधकर मां की चरणों में अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते
सुयोग वर की प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप
मां शैलपुत्री का स्त्रोत पाठ-
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥