Chaitra Navratri 2023 : इस समय चैत्र नवरात्रि का पवित्र पर्व चल रहा है, नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का खास महत्व होता है. इन नौ दिनों तक भक्त नौ कन्याओं के देवी के रूप में उनकी पूजा करते हैं, उन्हें भोजन कराते हैं. उसके बाद व्रत खोलते हैं. नवरात्रि में कन्या पूजन की विधि सप्तमी ले शुरू होती है. अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है. कन्या पूजन के लिए सबसे शुभ दिन दुर्गाष्टमी माना जाता है.
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कन्या पूजन के लिए सभी कन्याओं को एक दिन पहले पूरे सम्मान के सात आमंत्रित करें. जब सभी कन्याएं घर आए, तो फूलों की वर्षा के साथ उनका स्वागत करें. फिर उनके पैर को दूध या पानी से धोएं. उसके बाद उस जल को अपने सिर से लगाएं. सभी कन्याओं को साफ आसन पर बैठाएं. मां जगदंबा की अराधना करने के बाद सभी कन्याओं को भोजन कराएं. फिर अपने सामर्थ्य के हिसाब से कन्याओं को दान-दक्षिणा दें. उन्हें उपहार दें. इस बात का ध्यान रखें, कि कन्याएं 9 होनी चाहिए और साथ में एक बालक भी अवश्य होना चाहिए.
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हर साल की कन्याओं का होता है अलग महत्व
हर साल की कन्याओं का अपना एक अलग महत्व होता है. जैसे कि दो वर्ष की कन्या का पूजन करने से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है.
तीन वर्ष की कन्याओं को भोजन कराने से घर में धन की वृद्धि होती है.
चार वर्ष की कन्याओं को भोजन कराने से व्यक्ति को सभी काम में तरक्की मिलती है.
पांच वर्ष की कन्याओं को भोजन कराने से व्यक्ति निरोग रहता है.
6,7 और 8 वर्ष की कन्याओं को भोजन कराने से व्यक्ति को राजयोग की प्राप्ति होती है.