Chaitra Navratri 2023 : हिंदू धर्म में पेड़-पौधे का संबंध धर्म से जोड़ा गया है. जिनमें से एक नारियल का पेड़ है. भारतीय संस्कृति में नारियल का खास महत्व है. इसे बहुत शुभ माना जाता है. मंदिर में नारियल फोड़ने और तोड़ने का चलन है. इसका प्रयोग सभी पूजा में किया जाता है. इसे मां लक्ष्मी की स्वरूप माना जाता है. इसे 'श्रीफल' भी कहते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में नारियल के कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिन उपायों को करने से आपके जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी, साथ ही देवी की पूजा के लिए कैसा नारियल होना चाहिए.
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देवी की पूजा में नारियल का खास महत्व है. इसे प्रतीकात्मक बलि के रूप में किया जाता है. नारियल का जल, खोल और गिरी तीनों की पूजा की जाती है, लेकिन पूजा मेंअलग तरीके से काम में लिया जाता है. पूजा में उपयोग में आने वाला नारियल भूरा रंग का होता है. नारियल का प्रयोग करनेसे पहले इसकी जटा को हटा लेना चाहिए. लेकिन कलश स्थापना में नारियल को जटाओं के साथ रखें.
नवरात्र में नारियल के उन उपयोगों से बन जाएंगे सभी काम
1. संतान प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
नवरात्र में किसी भी रात को पति-पत्नी एक साथ नारियल मां दुर्गा को अर्पित करें. नारियल पर रक्षासूत्र बांध लें और पीली चुनरी में रखकर अर्पित कर लें. उसके बाद संतान प्राप्ति के लिए देवी से प्रार्थना करें.
2. तंत्र-मंत्र से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय
अगर आप तंत्र-मंत्र से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो एक सूखा नारियल लें. उसके ऊपर थोड़ा सा ढक्कन की तरह काट लें. उसके अंदर चीनी भरकर ढक लें. फिर इस नारियल को पेड़ के नीचे दबा लें. इससे आपको नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिल जाएगी.
3. घर की सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय
नारियल का फल सभी पूजा में सम्पन्नता और समृद्धि के लिए किया जाता है. मां दुर्गा की पूजा बिना नारियल के नहीं होती है. नवरात्र के किसी भी रात में पानी वाला एक नारियल लें, उसे अपनी गोद में रखें और देवी के पास बैठें और इस विशेष मंत्र का 108 बार जाप करें.
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
4. खराब दशा से बचने के लिए करें ये उपाय
शांतिकर्मणि सर्वत्र तथा दु:स्वन्पदर्शने। ग्रहपीडासु चोग्रासु महात्म्यम श्रृणुयान्मम।।
अपनी गोद में नारियल लेकर इस मंत्र का जाप करें और अगले दिन सुबह नारियल को जल में प्रवाहित कर दें.