Chaitra Navratri 2024 Day 1: आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुके है और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है. मां शैलपुत्री नवरात्रि के प्रथम दिन पूजी जाने वाली देवी दुर्गा का पहला स्वरूप हैं. 'शैल' का अर्थ है पर्वत और 'पुत्री' का अर्थ है पुत्री, इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण भी उन्हें यह नाम दिया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इनकी विधिपूर्वक पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. जानिए चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें.
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त 2024 (Chaitra Navratri 2024 Ghatsthapana Shubh Muhurat)
9 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक है. अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
जानें मां दुर्गा के पहले स्वरूप के बारे में (Chaitra Navratri 2024 Day 1 Maa Shailputri Puja)
माता के इस स्वरूप की बात करें तो मां शैलपुत्री को नंदी बैल पर विराजमान शांत और सुंदर स्वरूप में दर्शाया जाता है. उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है. माथे पर अर्धचंद्र लगा हुआ है और इनकी सवारी नंदी बैल है. मां शैलपुत्री को शक्ति, ज्ञान, और सौभाग्य की देवी माना जाता है. उनकी पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मां शैलपुत्री की पूजा विधि (Maa Shailputri Puja Vidhi)
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि-विधान से की जाती है. भक्त मां शैलपुत्री की प्रतिमा को स्नान कराते हैं, वस्त्र पहनाते हैं और चंदन, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करते हैं. मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप और आरती भी की जाती है. इस दिन विधिपूर्वक सबसे पहले कलश स्थापना करें. उसके बाद पूजा स्थल पर पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा की चौकी रखकर लाल रंग के वस्त्र बिछाएं. अब इसपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद इन्हें पान, सुपारी, सफेद चंदन, नारियल, लौंग, सुपारी, कुमकुम, सौलह श्रृंगार, सफेद रंग के भोग, सफेद फूल आदि चढ़ाएं.
मां शैलपुत्री पूजा मंत्र (Shailputri Puja Mantra)
मान्यता है कि नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
बीज मंत्र
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
पूजन मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
अन्य प्रभावशाली मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
जय शैलपुत्री यशस्विनी भवानी जय जय भवानी॥
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः॥
ऊँ शं ह्रीं क्लीं ऐं देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau