Maa Skandmata Ki Aarti: नवरात्रि के पांचवें दिन जरूर पढ़ें ये आरती, मां स्कंदमाता होंगी बेहद प्रसन्न

Maa Skandmata Ki Aarti: शास्त्रों के अनुसार, मां स्कंदमाता की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा के बाद आपको ये आरती जरूर पढ़नी चाहिए. यहां पढ़ें मां स्कंदमाता की सम्पूर्ण आरती.

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Sushma Pandey
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Maa Skandmata Ki Aarti

Maa Skandmata Ki Aarti( Photo Credit : news nation)

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Maa Skandmata Ki Aarti: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता को शक्ति, ज्ञान और वीरता की देवी माना जाता है. इनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति, साहस और विजय प्राप्त होती है. मां स्कंदमाता बालकों की रक्षा करती हैं और उन्हें शिक्षा प्रदान करती हैं. विद्या प्राप्ति और परीक्षा में सफलता के लिए भी मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है. मां स्कंदमाता को कमल के आसन पर विराजमान देवी के रूप में दर्शाया गया है.  माता के चार भुजाधारी हैं. दाहिने हाथ में कमल का फूल, बाएं हाथ में तलवार, ऊपरी बाएं हाथ में ढाल और नीचे दाहिने हाथ में वरमुद्रा होती है.  दाई तरफ भुजा में कार्तिकेय को गोद में लिया है. माता की सवारी सिंह हैं

माता स्कंदमाता की आरती  (Maa Skandmata Ki Aarti)

जय तेरी हो स्कंद माता.
पांचवां नाम तुम्हारा आता..

सबके मन की जानन हारी.
जग जननी सबकी महतारी..

तेरी जोत जलाता रहू मैं.
हरदम तुझे ध्याता रहू मै..

कई नामों से तुझे पुकारा.
मुझे एक है तेरा सहारा..

कही पहाडो पर है डेरा.
कई शहरों में तेरा बसेरा..

हर मंदिर में तेरे नजारे.
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे..

भक्ति अपनी मुझे दिला दो.
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो..

इंद्र आदि देवता मिल सारे.
करे पुकार तुम्हारे द्वारे..

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए.
तू ही खंडा हाथ उठाए..

दासों को सदा बचाने आयी.
भक्त की आस पुजाने आयी..

माता स्कंदमाता के मंत्र 

ॐ ऐं स्कंदमातायै नमः

या देवी सर्वभूतेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै।

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माता स्कंदमाता का प्रिय रंग और भोग

माता स्कंदमाता को पीले रंग का भोग लगाना चाहिए. नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं. इससे इंसान की बुद्धि का विकास होता है. वहीं इस दिन देवी की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद आरती करें. उसके बाद 5 कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ऐसा करने से संतान पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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