Maa Kalratri Ki Aarti: चैत्र नवरात्रि के सांतवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. यह मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली स्वरूप माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि एक बार देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए युद्ध किया. युद्ध बहुत लंबा चला और देवी दुर्गा थक गईं. देवी दुर्गा की थकान देखकर महिषासुर हर्षित हुआ और उसने देवी पर आक्रमण कर दिया. तभी देवी दुर्गा के शरीर से अत्यंत भयानक और विकराल देवी प्रकट हुईं. इन देवी का नाम मां कालरात्रि है. मां कालरात्रि ने महिषासुर का वध करके देवी दुर्गा की सहायता की. मान्यता है कि मां कालरात्रि की उपासना करने से भय, शत्रु, रोग और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है. शास्त्रों के अनुसार, मां कालरात्रि की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है. ऐसे में नवरात्रि के सातवें दिन पूजा के बाद आपको ये आरती जरूर पढ़नी चाहिए. यहां पढ़ें मां कालरात्रि की सम्पूर्ण आरती.
मां कालरात्रि की आरती (Maa Kalratri Ki Aarti)
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली मां जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि मां तेरी जय ॥
मां कालरात्रि के मंत्र (Maa Kalratri Mantra)
क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नम:
'ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।'
ॐ कालरात्र्यै नम:
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau