Chaitra Navratri 2024: नौ देवियों की औषधियाँ हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. इन नौ देवियों की औषधियाँ नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक पूजनीय होती हैं. नवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर नौ देवियों की मूर्तियों को स्थानीय मंदिरों और गृह में स्थापित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है. इन नौ देवियों की औषधियाँ संग्रहीत की जाती हैं और उन्हें पूजा में प्रयोग किया जाता है. ये औषधियाँ शक्तिशाली मानी जाती हैं और शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार करने में मदद करती हैं. नौ देवियों की औषधियों में तुलसी, अमरेली, नीम, सोंठ, हल्दी, अशोक, बरगद, पीपल, और पपीहा जैसी पौधों के पारंपरिक उपचारों को शामिल किया जाता है. इन औषधियों के उपयोग से शरीर में ऊर्जा की पुनर्प्राप्ति होती है और रोगों का निराकरण किया जाता है. ये औषधियाँ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं और भक्तों को माँ दुर्गा की कृपा का अनुभव कराती हैं.
नौ देवी के रूपों की 9 औषधियां और उनके फायदे
शैलपुत्री - हरड़
औषधीय गुण: हरड़ त्रिदोषनाशक, ज्वरनाशक, कब्जनाशक, कृमिनाशक और रक्तचाप नियंत्रक है. हरड़ का काढ़ा पीने से पेट दर्द, दस्त, पेचिश, बवासीर, मधुमेह, और रक्तचाप जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
ब्रह्मचारिणी - ब्राह्मी
औषधीय गुण: ब्राह्मी स्मरणशक्ति, बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाने वाली औषधि है. ब्राह्मी का तेल बच्चों के सिर में लगाने से उनकी स्मरणशक्ति और बुद्धि बढ़ती है.
चंद्रघंटा - चंदन
औषधीय गुण: चंदन शीतल, रक्तचाप नियंत्रक, त्वचा रोगों का नाश करने वाला और एंटी-इंफ्लेमेटरी है. चंदन का लेप लगाने से त्वचा के रोग, जलन, घाव, और सिरदर्द में लाभ होता है.
कुष्मांडा - पेठा
औषधीय गुण: पेठा शीतल, मूत्रवर्धक, और कब्जनाशक है. पेठा का रस पीने से पेट दर्द, दस्त, पेशाब में जलन, और खून की कमी जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
स्कंदमाता - अनार
औषधीय गुण: अनार रक्तवर्धक, एंटीऑक्सीडेंट, और हृदय रोगों का नाश करने वाला है. अनार का जूस पीने से खून की कमी, एनीमिया, हृदय रोग, और कैंसर जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
कात्यायनी - कटहल
औषधीय गुण: कटहल वीर्यवर्धक, बलवर्धक, और रक्तचाप नियंत्रक है. कटहल का सेवन करने से नपुंसकता, कमजोरी, और रक्तचाप जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
कालरात्रि - तुलसी
औषधीय गुण: तुलसी ज्वरनाशक, कफनाशक, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधि है. तुलसी का काढ़ा पीने से सर्दी, खांसी, बुखार, और मलेरिया जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
महागौरी - अश्वगंधा
औषधीय गुण: अश्वगंधा बलवर्धक, वीर्यवर्धक, और तनाव दूर करने वाली औषधि है. अश्वगंधा का चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से कमजोरी, नपुंसकता, तनाव, और अनिद्रा जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
सिद्धिदात्री - मुलेठी
औषधीय गुण: मुलेठी श्वसन रोगों का नाश करने वाली, कफनाशक, और पाचन क्रिया को सुधारने वाली औषधि है. मुलेठी का काढ़ा पीने से खांसी, दमा, अस्थमा, और अपच जैसी बीमारियों में लाभ होता है.
नवरात्रि में इन औषधियों का पूजन करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और इन औषधियों के औषधीय गुणों में भी वृद्धि होती है. इन औषधियों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau