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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि 2024 की अष्टमी और नवमी कब है जानिए

Chaitra Navratri 2024: देवी दुर्गा की भक्ति का पर्व चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगा. 9 दिनों तक देवी का व्रत और पूजन करना बहुत शुभ होता है. इस बार चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी और महानवमी कब है, जानिए तारीखें.

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Inna Khosla
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Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri 2024( Photo Credit : News nation)

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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि 2024 में 8 अप्रैल से 16 अप्रैल तक मनाए जाएंगे. चैत्र नवरात्रि, जिसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के पारंपरिक त्योहारों में से एक है. इसका महत्व विशेष रूप से मां दुर्गा की पूजा और भक्ति में होता है. यह उत्सव नवग्रहों के विशेष समय के रूप में माना जाता है और लोग मां दुर्गा की पूजा करके अनुष्ठान करते हैं. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा और अनुष्ठान किया जाता है. लोग इस समय में पारंपरिक रूप से उपवास, पूजा, और ध्यान करते हैं. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा से शुभ लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस समय में लोग सजते-सवरते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं. इसका महत्व धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक परंपराओं में अत्यधिक है. यह उत्सव हिंदू धर्म की प्रमुख पर्वों में से एक है और लोग इसे बड़े ही उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं.

कब है अष्टमी और नवमी तिथि ?

अष्टमी तिथि: 15 अप्रैल 2024 को दोपहर 12:11 मिनट पर शुरू होकर 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01:23 तक रहेगी. ऐसे में 16 अप्रैल के दिन ही चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि मानी जाएगी. 

नवमी तिथि: 17 अप्रैल 2024 को है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 की दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी जो 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. 

महत्वपूर्ण मुहूर्त:

कलाश स्थापना: 8 अप्रैल 2024 को सुबह 6:24 बजे से 8:34 बजे तक.

महाअष्टमी: 16 अप्रैल 2024 को.

कन्या पूजन: 17 अप्रैल 2024 को.

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथियां विशेष महत्व रखती हैं. अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है. मां महागौरी शक्ति और ज्ञान की देवी हैं. इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है. नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं. अष्टमी तिथि को हवन करने का भी विशेष महत्व है. हवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं. नवमी तिथि को कन्याओं को विदाई दी जाती है. नवमी तिथि को नवरात्रि का समापन होता है. अष्टमी और नवमी तिथि अध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण तिथियां हैं. मां दुर्गा की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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