Chaitra Navratri 2024 Vastu Tips: नवरात्रि की पूजा में वास्तु का महत्व बहुत अधिक होता है. वास्तु के अनुसार, एक पूजा स्थल का सही निर्माण भक्तों के लिए आशीर्वाद जैसा होता है. पूजा स्थल को सही दिशा में स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. धार्मिक ग्रंथों में सही दिशा की महत्वता भी बतायी गयी है. पूजा स्थल को साफ़-सुथरा और शुद्ध रखना आवश्यक होता है. यह भगवान की प्रासाद की अविरलता को बनाए रखने में मदद करता है. पूजा करने वाले की आसन और माला की योग्यता भी महत्वपूर्ण है. ध्यान और आध्यात्मिक अनुभव के लिए सही आसन और माला का चयन करना आवश्यक है. वास्तु के नियमों का पालन करके पूजा स्थल का सुख और शांति का अनुभव होता है.
पूजा स्थान: नवरात्रि में माता की पूजा के लिए घर का उत्तर या पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है. इन दिशाओं को माता भगवती का प्रिय माना जाता है. पूजा स्थान को पूरी तरह से साफ और पवित्र होना चाहिए. गंदे या अस्त-व्यस्त स्थान में पूजा करने से माता प्रसन्न नहीं होती हैं. आप पूजा स्थान को फूलों, रंगोली, और अन्य सुंदर वस्तुओं से सजा सकते हैं. इससे पूजा स्थान का वातावरण मनमोहक और भक्तिमय बन जाएगा.
माता की प्रतिमा: माता की प्रतिमा को पूजा स्थान के बीच में स्थापित करें. प्रतिमा का मुख उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. उत्तर दिशा को देवी दुर्गा का निवास स्थान माना जाता है, और पश्चिम दिशा को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. प्रतिमा के पीछे लाल कपड़ा लगाएं. लाल रंग को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.
कलश स्थापना: कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है. कलश के ऊपर आम के पत्ते और नारियल भी रखा जाता है. आम के पत्ते को समृद्धि और नारियल को शुभता का प्रतीक माना जाता है. एक कलश स्थापित करें और उसमें जल, गंगाजल, सुपारी, सिक्का, और अक्षत डालें. कलश के ऊपर आम के पत्ते और नारियल रखें.
दीप प्रज्वलन: एक दीपक प्रज्वलित करें और माता को नैवेद्य अर्पित करें. दीपक को ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है. नैवेद्य में फल, मिठाई, और पान शामिल करें. फल और मिठाई को देवी दुर्गा को भोग लगाने के लिए, और पान को देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए अर्पित किया जाता है.
पूजा सामग्री:
गुलाब, कमल, और चंपा जैसे फूल पूजा में रखें. मौसमी फल, जैसे कि केला, सेब, और अंगूर और प्रसाद के रूप में मिठाई अर्पित करें, जैसे कि लड्डू, बर्फी, और खीर. सुपारी को माता का प्रिय माना जाता है. कौड़ी को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. हल्दी को मांगलिक माना जाता है. कुमकुम को शक्ति का प्रतीक माना जाता है. चंदन का उपयोग माता की प्रतिमा को तिलक लगाने के लिए किया जाता है. घी या तेल का दीपक जलाएं. धूप जलाने से पूजा स्थान का वातावरण सुगंधित और भक्तिमय बन जाएगा. आरती करके माता की स्तुति करें.
मंत्र:
दुर्गा सप्तशती: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है.
"ॐ जय जगदीश हरे" का 108 बार जाप करें.
नवरात्रि पूजा के विशेष वास्तु टिप्स: पूजा स्थान में स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. स्वास्तिक को शुभता का प्रतीक माना जाता है. पूजा स्थान में तुलसी का पौधा रखें. तुलसी को देवी दुर्गा का प्रिय पौधा माना जाता है. पूजा स्थान में गणेश जी की प्रतिमा रखें. गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, और उनकी पूजा से पूजा में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है. पूजा स्थान में शंख रखें. शंख को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau