Chaitra Vinayak Chatuthi 2023: पंचाग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. चैत्र माह की विनायक चतुर्थी का भी खास महत्व है. इस दिन विघ्नहर्ता के साथ-साथ मां दुर्गी की भी पूजा की जाती है. वहीं चौथे दिन की बात कि जाए, तो चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि मां गौरी पुत्र गणेश की पूजा से सभी कार्य सिद्ध कर देती हैं, साथ ही संतान सुख की भी प्राप्ति होती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में चैत्र माह की विनायक चतुर्थी के बारे में बताएंगे कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और विनायक चतुर्थी का महत्व क्या है.
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जानें कब है विनायक चतुर्थी
चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी दिनांक 25 मार्च दिन शनिवार को विनायक चतुर्थी है. इस दिन चांद का दर्शन नहीं करना चाहिए. जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा करता है. उसे बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है, साथ ही सभी कार्य भी सिद्ध भी हो जाते हैं. इस दिन वाणी दोष से भी मुक्ति मिलती है.
जानें क्या है विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
चैत्रमाह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि दिनांक 24 मार्च दिन शुक्रवार को शाम 04:59 मिनट से लेकर इसका समापन दिनांक 25 मार्च दिन शनिवार को शाम 04:23 तक है.
इस दिन गणपति की पूजा सुबह 11:14 मिनट से लेकर दोपहर 01: 41 मिनट तक रहेगा.
चंद्रोदय का समय- सुबह 08:31 पर होगा.
विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की इस तरह करें पूजा
गणपति जी को सिंदूर जरूर चढ़ाएं. इससे गौरी जल्द प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं. साथ ही इस मंत्र का जाप जरूर करें.
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ "
HIGHLIGHTS
- जानें कब है चैत्र विनायक चतुर्थी
- कब है पूजा का शुभ मुहूर्त
- इस मंत्र का जाप करना होता है शुभ