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Chanakya Neeti: शत्रु से निपटने की 5 अचूक रणनीतियां, हमेशा मिलेगी जीत 

Chanakya Neeti: अगर आप अपने शत्रुओं से परेशान हो चुके हैं और उन पर विजय हासिल करना चाहते हैं तो आपको चाणक्य की इन अचूक रणनीतियों के बारे में जरूर पता होना चाहिए.

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Inna Khosla
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chanakya neeti 5 strategies to defeat your enemies

Chanakya Neeti( Photo Credit : News Nation)

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Chanakya Neeti: चाणक्य को "भारतीय मैकियावेली" माना जाता है, क्योंकि वे अपनी पुस्तक "अर्थशास्त्र" में राजनीति और कूटनीति के विषय पर लिखे गए थे. "अर्थशास्त्र" को राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, कानून, प्रशासन और सैन्य रणनीति पर एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ माना जाता है. चाणक्य को चाणक्य सूत्रों के लिए भी जाना जाता है, जो जीवन नीति और नीतिशास्त्र पर 1,700 सूत्रों का एक संग्रह है. चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को मगध के सिंहासन पर बिठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने मौर्य साम्राज्य के प्रशासन और विदेश नीति को भी आकार दिया. चाणक्य की नीतियों में बताया गया है कि शत्रु से निपटने के लिए धैर्य और आत्मविश्वास जरूरी है. चाणक्य कहते हैं कि जब शत्रु आपसे अधिक शक्तिशाली हो तो उसकी चालों को समझें और सही समय का इंतजार करें. मुस्कान और ठंडे दिमाग से लिए गए निर्णय ही विजय की कुंजी हैं. इस वीडियो में हम शत्रु से निपटने की 12 चाणक्य नीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जो आपको जीवन में सफल बना सकती हैं.

1) अपनी हार को कभी भी मत दर्शाए. दोस्तों इसमें आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि शत्रु के सामने अगर हार नजर आ रही है तो उसे कभी भी दर्शाया नहीं. अगर ऐसे वक्त में आप कमजोर पड़ गए तो आपकी हार 100% निश्चित है. चाणक्य कहते हैं कि अगर शत्रु हमसे अधिक शक्तिशाली है तो उसके साथ अनुकूल व्यवहार करें. ऐसा करने पर आप धीरे धीरे उसकी चाल को पकड़ लेंगे और कभी परेशानी में नहीं फंसेंगे. ऐसे में दुश्मन को कभी कम नहीं आकना चाहिए. जो दुश्मन कमजोर और छलकपट करने वाला है तो ठीक इसका उल्टा बर्ताव उसके साथ करें 

2) आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब दुश्मन आपसे ज्यादा ताकतवर हो तो बिना तैयारी के उसके सामने जाना मूर्खता है. कमजोर अवस्था में शत्रु से दो दो हाथ करने से आपकी हार तय है. इसलिए अगर शत्रु शक्तिशाली हो तो उसके साथ रहकर उसकी कमजोरी का पता लगाएं और सही समय का इंतजार करें. चाणक्य का मानना है कि अगर आप शत्रु के साथ रह कर उसकी हर चाल को समझेंगे. तो आप उसे हराने के लिए सही समय और सही तरीके का चयन कर सकेंगे. ये रणनीति सिर्फ शत्रु को मात देने में ही नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में काम आती है. धैर्य और संयम का पालन करते हुए सही अवसर का इंतजार करना और तब आक्रमण करना ही असली विजय की कुंजी है. 

3) चाणक्य जी क्या बता रहे हैं दोस्तों धैर्य रखें. शत्रु को मात देने के लिए हर समय ठंडे दिमाग से विचार करें और फिर निर्णय ले. ऐसे समय में धैर्य और आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है. हड़बड़ी में आकर ऐसा कुछ ना कीजिए जिससे आपको हानि उठानी पड़ सकती है. चाणक्य कहते हैं कि धैर्य और आत्मविश्वास ही वे दो स्तंभ है जिन पर आपकी विजय का महल खड़ा होता है. बिना धैर्य के लिया गया कोई भी निर्णय आपको नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए हमेशा शांत मन और स्थिर दिमाग से ही निर्णय ले. आत्मविश्वास से भरे हुए व्यक्ति की ही जीत होती है. जब आप धैर्य और आत्म विश्वास के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना करेंगे तो आपकी विजय निश्चित होगी. अब आइए समझ लेते हैं नीती नंबर तीन में चाणक्य जी क्या बता रहे हैं. चाणक्य कहते हैं कि हमें चेहरे पर मुस्कान हमेशा रखनी चाहिए. आपकी मुस्कान वह ताकत है जो बड़े से बड़े दुश्मन को मात दे सकती है. चाणक्य के अनुसार यदि कोई आपको पीड़ा देने की कोशिश कर रहा है तो डरने की बजाय खुश रहने की पूरी कोशिश करें. दोस्तों यह कठिन जरूर है लेकिन यही उस पर सीधा वार करेगा. तकलीफों के बाद आपके चेहरे पर मुस्कान देखकर वह अपने आप एशिया से जलने लगेगा और आपकी हँसी देखकर वह कभी भी हंस नहीं पाएगा. बस यही मुस्कान आपको जीत के सहारा पहनाने में मदद करेगी. और दोस्तों मेरी तरफ से भी आपको विनती है कि आप हमेशा मुस्कुराते रहे. खुश रहे और सबको खुश रखें. 

4) आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को अपने वाणी पर खास ध्यान रखना चाहिए. आपके शत्रु इसका सबसे अधिक लाभ उठाने की कोशिश करता है. अगर आपकी वाणी खराब होती है तो आपके संबंध बिगड़ सकते हैं. आपके कड़वे बोल से आपके अच्छे दोस्त और रिश्तेदार भी आपसे दूर होने लगते हैं. जो लोग कड़वा और तीखा बोलते हैं, लोग उनसे दूरी बनाकर रहना पसंद करते हैं. इसलिए हमेशा किसी से भी बात करते हुए आपको अपनी मधुर वाणी और विनम्रता का इस्तेमाल करना चाहिए. आपकी मीठी बोली और सभ्यता से लोग आपकी ओर आकर्षित होते हैं और आपके शत्रु भी आपसे दूर रहने की कोशिश करते हैं. 

5) व्यक्ति अपने परिवार के अलावा अपने दोस्तों और कार्य स्थल पर मौजूद लोगों के साथ सबसे अधिक समय बिताता है. इसलिए हर व्यक्ति को अपनी संगत का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जो लोग अपने आसपास अच्छे और योग्य लोग रखते हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाने से पहले शत्रु कई बार विचार करता है. वही अगर किसी की संगति बुरे लोगों के साथ होती है तो शत्रु इसका भरपूर लाभ उठाने की कोशिश करता है और मौका पाते ही हमला करने से नहीं चूकता. इसलिए आपको हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आप किन लोगों के साथ उठ बैठ रहे हैं. संगत का असर व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसकी सोच पर पड़ता है. इसलिए अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ ही रहना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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