Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की बताई बातों को अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय बना सकता है. दरअसल चाणक्य के विचार कठोर लग सकते हैं लेकिन जीवन की सच्चाई यही है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को जीवन की हर कसौटी पर आचार्य चाणक्य के वचन मनुष्य की मदद करते हैं. आज की इस रिपोर्ट में दुश्मनों का सामना किस तरह से करना चाहिए, इसको लेकर हम आचार्य चाणक्य (Ethics Of Chanakya) के बताए विचारों का विश्लेषण करेंगे. आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti Hindi) का कहना है कि अगर आपके एक से अधिक दुश्मन हो तो वहां पर शारीरिक तौर पर नहीं दिमाग से उस दुश्मन से लड़ना चाहिए.
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दुश्मनों का सामना करते समय हमेशा कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को दुश्मनों का सामना करते समय हमेशा कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए. उनका कहना है कि सबसे पहले इस बात को जरूर देखना चाहिए कि मनुष्य के समक्ष कितने दुश्मन हैं. मान लीजिए कि अगर मनुष्य के सामने एक से अधिक दुश्मन है तो उसका सामना शारीरिक तौर पर करना ठीक नहीं है. इसके विपरीत इस तरह के दुश्मन का सामना दिमागी से करना चाहिए. इस योजना के जरिए दुश्मन को परास्त किया जा सकता है. बता दें कि ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि मनुष्य की जिंदगी में कई दुश्मन हो जाते हैं और इनमें से कुछ से तो मनुष्य का सीधा कोई मतलब भी नहीं होता है. हालांकि अपने मित्रों या फिर जानकारों का साथ देने के चक्कर में वे आपसे दुश्मनी कर बैठते हैं. इस तरह से आपके दुश्मनों की संख्या बढ़ती जाती है.
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आचार्य चाणक्य का कहना है कि इस तरह के दुश्मनों का सामना दिमाग से करना चाहिए ना कि शारीरिक तौर पर. ऐसा करके सभी दुश्मनों को परास्त किया जा सकता है. दरअसल, एक से ज्यादा दुश्मनों से लड़ना मुश्किल है ऐसे में मनुष्य अपने दिमाग से रणनीति बनाए तो वह इन सभी दुश्मनों को एक झटके में परास्त कर सकता है.
HIGHLIGHTS
- आपके एक से अधिक दुश्मन हो तो वहां पर शारीरिक तौर पर नहीं दिमाग से उस दुश्मन से लड़ना चाहिए
- मनुष्य अपने दिमाग से रणनीति बनाए तो वह इन सभी दुश्मनों को एक झटके में परास्त कर सकता है