Chanakya Niti: अर्थशास्त्र के विद्वान आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति के जीवन मे बहुत महत्त्व निभाती हैं. अर्थशास्त्र का ज्ञान होने के साथ-साथ उन्हें समाज का अनुभव भी था और यही कारण है कि उनकी बातों में ज्ञान-विज्ञान का रस है. हर व्यक्ति चाहता है कि उसे हर जगह सम्मान और प्यार मिले. तरक्की के रास्ते पर चलने में भले ही कई दिक्कतें आती है, लेकिन चाणक्य ने इसके लिए भी बहुत सरल सूत्र बताएं है. चाणक्य कूटनीति के भी ज्ञानी थे. चाणक्य ने कहा है कि कुछ ऐसे स्थान होते हैं जहां पर व्यक्ति को कभी नहीं जाना चाहिए . ऐसे स्थानों पर रुकना उस व्यक्ति की मृत्यु के बराबर होता है. तो आइए जानते हैं चाणक्य ने ऐसा किन जगहों के लिए कहा है.
जहां धर्म के ज्ञानी न हो
धर्म हमें बहुत कुछ सिखाता है. जिस व्यक्ति के जीवन की नींव धर्म के सिद्धांत पर रखी गयी हो, ऐसा व्यक्ति जिंदगी में कभी हार नहीं सकता. जो लोग धर्म के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ते हैं, उन्हें तरक्की जरूर मिलती है. इसलिए हमें उन्हीं स्थानो पर जाना चाहिए जहां धर्म का सम्मान होता है. आचार्य चाणक्य ने भी यही कहा है कि जहां धर्म का ज्ञानी न हो ऐसे स्थान पर कभी न रुके.
जहां व्यक्ति का अपमान हो
अपमान सहना बहुत मुशिकल होता है और व्यक्ति को परेशान करता रहता है. जो व्यक्ति दिल के सच्चे होते हैं और हमेशा दूसरों की भलाई करते हैं. ऐसे लोगों को अक्सर अपमान सहना पड़ता है. लेकिन जिस जगह आपका अपमान हो, उस स्थान को छोड़ना ही बेहतर होता है. ऐसी जगह पर रुकना मौत के बराबर ही होता है और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है. इसलिए चाणक्य ने भी यही सलाह दी है.
जहां उपचार और सरकार न हो
मुसीबत के वक़्त अगर उपचार न मिल सके तो व्यक्ति जीवन भर पछतावा करता रहता है और वहीं जिस जगह सरकार न हो वहां का लोकतंत्र कभी नहीं सम्भल सकता. हमारे जीवन में भी इन दोनों चीजों का बहुत महत्व है. ये दोनों चीजे ही अनुशासन के लिए बहुत जरूरी है. इनके बिना व्यक्ति लाश के समान ही है. इसलिए चाणक्य ने कहा है ऐसे स्थानों पर न रुको जहां उपचार और सरकार न हो.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)