Chanakya Niti: हर कोई अपनी जिंदगी में सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता हासिल करना इतना भी आसान नहीं होता. उसके लिए दिन रात परिश्रम करना पड़ता है. आचार्य चाणक्य की नीतियां समाज का मार्गदर्शन करती है. चाणक्य के उसूलों पर अगर कोई व्यक्ति चला है तो उसे जिंदगी में भरपूर फायदा हुआ है. चाणक्य जैसी सूझ बूझ वाला व्यक्ति जिंदगी में कभी भी ठोकर नहीं खा सकता. हर व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके परिवार और घर का बहुत अहम योगदान होता है. लेकिन परिवार का माहौल कैसा है और किस तरह वह व्यक्ति को मोटिवेशन देते हैं, ये भी बहुत जरूरी है. चाणक्य ने कहा है कि कुछ ऐसे घर भी होते हैं जहां कभी सफलता नहीं मिल सकती और वहां के लोग तरक्की नहीं कर सकते. तो आइए जानते हैं कि चाणक्य ने ऐसा किन घरों के लिए कहा है.
जहां मूर्ख रहते हैं
मूर्ख लोग हमेशा समाज को पतन की ओर ही लेकर गए हैं. मूर्खता में आदमी जो भी काम करता है, उसका परिणाम कभी सही नहीं आ सकता. इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस घर ने सभी लोग मूर्खतापूर्ण हरकतें करते हैं. ऐसे लोग कभी तरक्की की राह पर नहीं चल सकते. ऐसे लोग परिश्रम के नाम पर सिर्फ अपने शरीर को थकाते हैं. इसलिए मूर्खों के साथ से बचना चाहिए.
लड़ाई का माहौल
सफलता वहीं अपने पैर रखती है जहा हमेशा शांति हो. जिस घर मे हर वक्त लड़ाई-झगड़े होते हैं और कभी भी सकारात्मक माहौल नहीं होता. ऐसे घरों में कभी भी तरक्की की झलक नहीं देखी जा सकती. जो लोग लड़ाई-झगड़ों में अपना समय गवाते हैं वे कभी भी सफलता को नहीं छू सकते. इसलिए हमेशा घर में शांति बनाई रखनी चाहिए.
साफ-सफाई से दूरी
सफाई का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. न केवल सफाई से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि सफाई से मन में भी शांति बनी रहती है और हमारा दिमाग एकाग्र रहता है जोकि सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी है. इसलिए आचार्य चाणक्य भी इस बात का जिक्र करते हैं कि जिन घरों में सफाई नहीं रहती ऐसे घरों में हमेशा बीमारियां और दरिद्रता बनी रहती है. ऐसे घर भी तरक्की के रास्ते में बाधा हैं.
समय को गंवाने वाले
समय वो हिरण है, जो एक बार भाग गया तो हरी पत्तियां दिखाने पर भी वापिस नहीं लौटता. इसलिए समय का सदुपयोग करना चाहिए. लेकिन जिन घरों में समय को व्यर्थ गंवाया जाता है. ऐसे लोग खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हैं और सफलता से दूर हो जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)