Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के महान विचारक और अर्थशास्त्री थे. उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों से कई ऐसी बातें बताई हैं जो आज भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. उन्होंने सिर्फ ज्ञान को ही इंसान की सफलता का पैमाना नहीं माना, बल्कि यह भी कहा कि कई बार लोग ऊंचे पदों पर पहुंचने के बाद भी मूर्खता वाला काम करते हैं. ऐसे लोग चाहे कितना भी पैसा कमा लें, समाज में उन्हें कभी सम्मान नहीं मिलता. चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया है जिन्हें समाज हमेशा मूर्ख समझता है. ऐसे में आइए जानते हैं ऐसे 5 प्रकार के लोगों के बारे में जो मूर्ख माने जाते हैं.
1. खुद को बुद्धिमान समझने वाला व्यक्ति
चाणक्य कहते हैं, जो इंसान खुद को सबसे ज्यादा समझदार मानता है, वह सबसे बड़ा मूर्ख माना जाता है. ऐसे लोग किसी और की बात को सही मानते ही नहीं. उन्हें लगता है कि जो वह जानते हैं वही सबसे सही है. ऐसे लोगों को अगर आप कोई सलाह देने की कोशिश भी करेंगे, तो वे आपको ही गलत साबित कर देंगे. चाणक्य के मुताबिक, ऐसे लोग कभी कुछ नया नहीं सीखते और समय के साथ पीछे रह जाते हैं.
2. दूसरों का अपमान करने वाला व्यक्ति
चाणक्य के अनुसार, जो इंसान अपने से छोटे, बड़े या अपने करीबियों का हमेशा अपमान करता है वह भी मूर्ख होता है. ये लोग खुद को बहुत बड़ा समझते हैं और दूसरों की इज्जत नहीं करते. ऐसे लोग खुद को सबसे ज्यादा सम्मानित मानते हैं. लेकिन असल में इन्हें कोई सम्मान नहीं देता. चाणक्य कहते हैं कि यह एक बड़ी मूर्खता है और ऐसे लोग समाज में कभी इज्जत नहीं पाते.
3. अपनी ही तारीफ करने वाला व्यक्ति
चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान हमेशा अपनी तारीफ करता रहता है, वह भी मूर्ख कहलाता है. ऐसे लोग अपनी उपलब्धियों, ज्ञान और संपत्ति की ही बात करते रहते हैं और दूसरों की सफलता को नजरअंदाज करते हैं. इनकी खासियत यह होती है कि ये कभी किसी और की तारीफ नहीं कर सकते.
4. बिना सोचे-समझे काम करने वाला व्यक्ति
चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति किसी भी काम को बिना सोच-विचार के करता है, वह हमेशा नुकसान उठाता है. ऐसे लोग काम शुरू करने से पहले उसके परिणाम के बारे में नहीं सोचते. चाणक्य कहते हैं कि जल्दबाजी में किए गए काम अक्सर गलत साबित होते हैं और ऐसे लोगों को समाज मूर्ख समझता है.
5. खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी मानने वाला व्यक्ति
चाणक्य के मुताबिक, कुछ लोग खुद को हर विषय में सबसे बड़ा ज्ञानी मानते हैं. ऐसे लोग हर किसी को सलाह देने में पीछे नहीं हटते, चाहे उनकी जानकारी सही हो या नहीं. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग भी मूर्खों की श्रेणी में आते हैं क्योंकि उनका व्यवहार और बातों का ढंग लोगों को प्रभावित नहीं करता, बल्कि उनका मजाक बन जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)