आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की नीतियां व्यक्ति के जीवन में बेहद कारगार उपाय मानी जाती है. चाण्क्य ने अपनी नीतियों के जरीए लोगों को बहुत जरूरी और कड़ा संदेश दिया है. चाणक्य ने जीवन के हर पहलू को अपनी नीतियों में जगह दी है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरीए पाप-पुण्य, कर्तव्य और अधर्म-धर्म के बारें में बताया है इनकी नीतियों के जरीए व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन बना सकता हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियों सालों से कारगार मानी जाती रही है. चाणक्य नीति में ऐसी कई बातें बताई गई हैं, जिनका पालन करने से आप किसी भी समस्या से बाहर आ सकते हैं. चाणक्य नीति में जीवन को सफल बनाने के लिए कई बातों का जिक्र किया गया है. यहां हम आपको चाणक्य की उन नीतियं के बारे में बताने जा रहे है, जिसकी मदद से आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं.
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आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति के पांचवें अध्याय के 11वें श्लोक में लिखा है-
दारिद्र्यनाशनं दानं शीलं दुर्गतिनाशनम्।
अज्ञाननाशिनी प्रज्ञा भावना भयनाशिनी ।।
चाणक्य के इस श्लोक का अर्थ है- दान देने से दरिद्रता का नाश होता है, शील स्वभाव से दुःखों का नाश होता है, बुद्धि अज्ञानता को नष्ट कर देती है और भावना से भय का नाश हो जाता है. आचार्य चाणक्य इश श्लोक से समझाना चाहते हैं कि अपनी गरीबी दूर करने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप उदार बनें. आपके पास कुछ नहीं है ये सोचकर दूसरों की मदद से पीछे हटने की जगह दान और पुण्य कर्म करें. ऐसा करने से दरिद्रता का नाश होता है. अगर आपको किसी तरह का दुख या तकलीफ है तब भी अपने व्यवहार को हमेशा नम्र बनाए रखें. इसके साथ ही अगर किसी बात से डर लग रहा हो तो ईश्वर को याद करें और अपनी भावनाओं को शुद्ध करें. फिर देखें किसी चीज का डर नहीं रहेगा. वहीं यह भी कहा गया है कि व्यक्ति को धन से ज्यादा धनी की जगह दिल से होना चाहिए. अगर व्यक्ति दिल से धनी है तो उसके पास कुछ भी खाने का सामान या धन होगा तो वो उससे किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटेगा. वहीं जो व्यक्ति सदैव दूसरों की मदद करता ईश्वर हमेशा उसकी मदद करता है, ऐसे व्यक्तियों पर ईश्वर की विशेष कृपा होती हैं. इसके साथ ही मां लक्ष्मी का भी खास आशीर्वाद उसे प्राप्त होता है.