Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता थे. उनकी नीतियां समाज में बहुत प्रचालित है. चाणक्य ने जिंदगी के कई अनुभवों को लोगों के सामने बहुत सरल तरीके से पेश किया है. आचार्य चाणक्य ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि हमें अपने आसपास के लोगों की प्रवृत्ति का पता होना चाहिए. भले ही किसी की मदद करना अच्छी बात है. लेकिन हर किसी की मदद नहीं करनी चाहिए. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनकी कभी भी मदद नहीं करनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं वे लोग.
1. दुष्ट लोग
जो लोग दुष्ट प्रवृत्ति के होते हैं, वे हमेशा दूसरों का बुरा ही सोचते हैं. ऐसे लोग कभी किसी के सगे नहीं हो सकते. ये लोग दूसरों का इस्तेमाल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं. ऐसे लोग समाज में बिच्छु की तरह होते हैं जो अपना काम हो जाने पर दूसरों को डंक मारते हैं. इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि ऐसे लोगों की कभी मदद नहीं करनी चाहिए.
2. मूर्खों व्यक्ति
मूर्ख व्यक्ति दूसरों का तो क्या अपना भी भला नहीं कर सकता. ऐसा व्यक्ति हमेशा अपनी मूर्खता से सब का नुकसान ही करता है. मूर्खों को ज्ञान देने से कोई फायदा नहीं होता, बल्कि अपना ही समय बर्बाद होता है. चाणक्य ने भी यही कहा है कि ऐसे लोगों की कभी मदद नहीं करनी चाहिए.
3. अहंकारी लोग
जो लोग अहंकारी के साथ जीते हैं. वे हमेशा दूसरे लोगों का अपमान ही करते हैं. ऐसे लोग केवल अपने बारे में ही सोचते है. अहंकारी लोग किसी दूसरे को खुश नहीं देख सकते. उन्हें अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए किसी भी हथकंडे को अपनाने में कोई झिझक नहीं आती. इसीलिए आचार्य चाणक्य ने भी इस बात पर जोर दिया है कि अहंकारी लोगों की मदद न ही करो तो बेहतर है.
4. हमेशा दुखी रहने वाले
जो लोग हर वक्त दुखी रहते हैं और जिंदगी को बोझ समझते हैं. उनके लिए ये जीवन कभी भी बेहतर नहीं हो सकता. ऐसे लोग अच्छे मौके पाने पर भी दुखी ही रहते हैं और हमेशा अपनी जिंदगी से शिकायतें करते रहते हैं. इन्हें मदद करने का भी कोई फायदा नहीं होता और यही बात आचार्य चाणक्य ने भी बोली है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)