आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.
आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन कर व्यक्ति जीवन में कभी भी असफल नहीं हो सकता है.आज के समय में भी आचार्य चाणक्य की नीतियां उतनी ही कारगर है जितने पहले थे. चाणक्य नीति के एक श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि महिलाओं के अंदर ऐसे चार गुण होते हैं जिनमें महिलाएं पुरुषों से कई गुना आगे रहती हैं. आइए जानते हैं वो कौन से है 4 गुण...
चाणक्य कहते हैं :
स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।।
दोगुना ज्यादा भूख लगना
पहले गुण में आचार्य बताते हैं कि ‘स्त्रीणां दि्वगुण आहारो’ इसका मतलब है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कई गुना अधिक भूख लगती है. वो खाने के मामले में पुरुषों से आगे रहती हैं. चाणक्य ने अपनी इस नीति में बताया है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले दोगुना ज्यादा भूख लगती है. शारीरिक संरचना के कारण महिलाओं को अधिक कैलोरी की जरूरत पड़ती है. इसलिए महिलाओं को भरपेट खाना खाने की सलाह दी जाती है.
पुरुषों से अधिक समझदार
महिलाओं के दूसरे गुण के बारे में बताते हुए चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा चालाक होती हैं. वो पुरुषों से अधिक समझदार होती हैं. महिलाएं जीवन की मुश्किल से मुश्किल परिस्थियों से अपनी बुद्धिमानी से आसानी से निकल जाती हैंअमूमन ऐसा सोचा जाता है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष अधिक साहसी होते हैं. लेकिन चाणक्य नीति में इसके बिल्कुल विपरीत बात कही गई है.
पुरुषों से ज्यादा साहस
चाणक्य नीति अनुसार महिलाओं में पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहस होता है. महिलाएं किसी भी परिस्थिति से घबराती नहीं हैं.
पुरुषों से ज्यादा अधिक कामुक
चाणक्य अनुसार महिलाएं पुरुषों से आठ गुना अधिक कामुक होती हैं. वहीं यानी पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले यह भावना 8 गुना कम होती है.
Source : News Nation Bureau