Chanakya Niti: भारत के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजशास्त्री आचार्य चाणक्य ने अनमोल खजाने के रूप में 'चाणक्य नीति' जैसी किताब दी, जिसमें राज-काज से लेकर जीवन के हर पहलू से जुड़ी सैकड़ों नीतियां बताई हैं. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कई ऐसी बातें बताई हैं जिनका पालन करके व्यक्ति सफल इंसान बनकर समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा पा सकता है. आज हम आपको आचार्य चाणक्य की उन्हीं नीतियों में से एक के बारे में बताने जा रहे हैं. इस नीति के मुताबिक व्यक्ति के जीवन में ऐसी 5 बातें हैं जो उसकी तकदीर के साथ तभी से जुड़ जाती हैं जब वह मां के गर्भ में होता है. ये वो चीजें हैं जो जीवन भर उस व्यक्ति की साथ किसी साए की तरह रहती हैं.
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श्लोक
आयुः कर्म वित्तञ्च विद्या निधनमेव च।
पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः॥
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आयु, कर्म, वित्त, विद्या, निधन ये पांचों चीजें प्राणी के भाग्य में तभी लिख दी जाती हैं, जब वह गर्भ में ही होते हैं. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, जब कोई मनुष्य मां के गर्भ में होता है उसी समय उसके भविष्य का निर्धारण कर दिया जाता है.
1. उम्र
आचार्य चाणक्य के मुताबिक मां के गर्भ में ही व्यक्ति की उम्र लिख दी जाती है कि वह कितनी आयु तक जीवित रहेगा और कब उसकी मृत्यु होगी.
2. कर्म
आचार्य चाणक्य के अनुसार आपके कर्म पिछले जन्म पर निर्भर करते हैं. इसलिए गर्भ के समय ही आपकी तकदीर में लिख दिए जाते हैं. ऐसे में हर व्यक्ति को अपने कर्मों के मुताबिक सुख और दुख भोगना पड़ता है.
3. आर्थिक स्थिति
चाणक्य शास्त्र के मुताबिक मां के गर्भ में आयु, कर्म ही नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति भी पहले ही लिख दी जाती है. किसी भी व्यक्ति को भाग्य से ज्यादा धन की प्राप्ति कभी नहीं हो सकती, वो चाहे जितनी भी मेहनत कर लें. इसलिए व्यक्ति के पास जितना धन है उसी से संतुष्ट रहना चाहिए और अच्छे कर्म करने चाहिए.
4. शिक्षा
चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार, कोई भी व्यक्ति कितनी विद्या प्राप्त करेगा यानी पढ़ाई करेगा. इस बारे में भी पहले ही भाग्य में लिख दिया जाता है. अगर आप अपने भाग्य से आगे शिक्षा ग्रहण करने की चाह रखते हैं तो वह किसी न किसी तरह आपको नहीं मिल पाएगी.
5. मृत्यु
आचार्य चाणक्य के मुताबिक किसी भी व्यक्ति का निधन कब और किस उम्र में होगी इसके बारे में भी जन्म से पहले मां के गर्भ में ही लिख दिया जाता है. इसलिए चाहकर भी आप इस बात को बदल नहीं सकते हैं. ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए. क्योंकि बुरे कर्मों का फल अगले जन्म में भी मिलता है और आपकी मौत किस समय हो जाए इसके बारे में आपको बिल्कुल भी नहीं मालूम होता.