Char Dham Yatra: देवभूमि उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां के कण-कण में देवताओं का निवास है. इसलिए इस जगह का बेहद धार्मिक मान्यता है. यहां पर चारों तरफ हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच चार धाम स्थित है, ऐसे में आइए इस लेख के जरिए आज हम आपको बताते हैं उत्तराखंड के चार धाम के बारे में साथ ही जानिए इस यात्रा का धार्मिक महत्व के बारे में.
उत्तराखंड के चार धाम कौन से हैं?
1. बद्रीनाथ (Badrinath Dham)
भगवान विष्णु को समर्पित, यह धाम हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच स्थित है.
2. केदारनाथ (Kedarnath Dham)
12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है. भगवान शिव को समर्पित, यह धाम भी ऊंचाई पर स्थित है और बर्फ से ढका रहता है. केदारानाथ मंदिर मंदिर समुद्र तल से 3585 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
3. गंगोत्री (Gangotri Dham)
उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री चार धाम में से एक है. यह गंगा नदी के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है और हिमनदों से घिरा हुआ है.
4. यमुनोत्री (Yamunotri Dham)
यमुनोत्री यमुना नदी के उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है, यह धाम भी बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ है.
चार धाम का धार्मिक महत्व
चार धाम यात्रा का हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व है. ऐसा माना जाता है कि. चारों धामों की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. चारों धामों में भगवान विष्णु, शिव, माता गंगा और यमुना देवी के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह यात्रा भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्रदान करती है.
यात्रा का समय
चार धाम यात्रा का सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है. इस दौरान मौसम सुहावना होता है और यात्रा करना आसान होता है. वहीं चार धाम यात्रा एक कठिन यात्रा में से एक है. इसलिए यात्रा की शुरुआत करने से पहले अच्छी तैयारी जरूर कर लें. अपनी फिटनेस का ध्यान रखें, गर्म कपड़े और वाटरप्रूफ जूते, रेनकोट, टोपी, दवाईयां, छाता आदि अपने साथ रखना न भूलें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau