चैत्र नवरात्र का आज चौथा दिन है. आज मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है. यह दिन वाणी और बुद्धि प्राप्त करने का है. जिनकी कुंडली में बुध कमजोर हो, उन्हें मां कुष्मांडा की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए. मान्यता है कि सिंह पर सवार मां कुष्मांडा सूर्यलोक में वास करती हैं, जो क्षमता किसी अन्य देवी देवता में नहीं है. मां कुष्मांडा अष्टभुजा धारी हैं और अस्त्र-शस्त्र के साथ मां के एक हाथ में अमृत कलश भी है.
क्या है मां कुष्मांडा की महिमा
ऐसा माना जाता है कि अपनी हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा हुआ. मां की आठ भुजाएं हैं. अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं. संस्कृत भाषा में मां कुष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं और इन्हें कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय है. ज्योतिष में इनका संबंध बुध ग्रह से है.
मां कुष्मांडा की पूजा विधि
- हरे वस्त्र धारण करके मां कुष्मांडा का पूजन करें.
- पूजा के दौरान मां को हरी इलायची, सौंफ या कुम्हड़ा अर्पित करें.
- इसके बाद उनके मुख्य मंत्र "ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः" का 108 बार जाप करें.
- चाहें तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें.
बुध को मजबूत करने के लिए क्या करें
मां कुष्मांडा को उतनी हरी इलायची अर्पित करें, जितनी कि आपकी उम्र है. हर इलायची अर्पित करने के साथ "ॐ बुं बुधाय नमः" कहें. सारी इलायचियों को एकत्र करके हरे कपड़े में बांधकर रख लें. इन्हें अपने पास अगली नवरात्रि तक सुरक्षित रखें.
इन मंत्रों से करें मां कुष्मांडा की पूजा
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
प्रसाद
- मां को आज के दिन मालपुए का भोग लगाएं.
- इसके बाद उसको किसी निर्धन को दान कर दें.
- इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता अच्छी हो जाती है.
धन लाभ के लिए क्या करें
नवरात्रि में मां को पान के पत्ते पर रखकर गुलाब की पंखुड़ियां अर्पित करें. इससे फंसा हुआ या रुका हुआ धन प्राप्त होगा.
Source : News Nation Bureau