Chaturmas 2022 Mahatva: हिंदू पंचांग के अनुसार, चौमासा यानी चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू हो जाती है. इसके साथ ही हिंदू कैलेंडर के मुताबिक श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक इन चार माह में कोई भी शुभ काम नहीं होते हैं. वेद-पुराणों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार माह के लिए निद्रा में चले जाते हैं. ऐसे में उनकी जगह भगवान शिव सृष्टि का हर एक काम संभालते हैं. इसी कारण इन चार माह में किसी भी तरह के मांगलिक काम को करने की मनाही होती है. ऐसे में चलिए जानते हैं जानिए चातुर्मास प्रारंभ तिथि और उसके महत्व के बारे में.
चातुर्मास 2022 महत्व
1. चातुर्मास में भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करते हैं.
2. चातुर्मास में ही भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह सावन यानी श्रावण आता है.
3. चातुर्मास देवताओं की रात्रि कहलाती है. इन चार माह में श्रीहरि समेत सभी देव योग निद्रा में होते हैं.
4. चातुर्मास में तामसिक प्रवृत्तियां और शक्तियां बढ़ी हुई होती हैं, इसलिए संयमित व्यवहार और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं.
5. भगवान विष्णु के योग निद्रा में होने से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं.
6. चातुर्मास में आप भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं, उस पर को पाबंदी नहीं होती है.
चातुर्मास 2022 तिथि
चातुर्मास का प्रारंभ: 10 जुलाई, दिन रविवार, देवशयनी एकादशी से
चातुर्मास का समापन: 04 नवंबर, दिन शुक्रवार, देवउठनी एकादशी पर