Chauraahe Par Khatra: घर के बुजुर्ग कहते हैं कि चौराहा बीच से नहीं पार करना चाहिए. सामान्यतः आज के पढ़ने लिखने वाले बच्चे इसके पीछे के कारण को नहीं जानते हैं. इस नासमझी के कारण ही वह अपने बुजुर्गों की इन वैज्ञानिक बातों को भी नजर अंदाज कर देते हैं जो उचित नहीं है. वास्तव में चौराहा राहु को रिप्रजेंट करता है और सभी लोग जानते हैं कि कुछ डाइमेंशन को छोड़ कर बाकी में राहु निगेटिव रोल ही अदा करता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों चौराहे को किनारे से पार करने के लिए बोला जाता है और चौराहे का टोटकों से क्या लेना देना है.
बुद्धि भ्रमित कर देता है राहु
दरअसल, राहु भ्रम है, माया है और यह कंफ्यूज कराने में माहिर होता है. यह मति को भ्रमित करता है. मति को ठीक रखना बहुत जरूरी होता है. इसीलिए कहा भी गया है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि अर्थात जब बुरा समय आता है तो बुद्धि उल्टी दिशा में सोचने लगती है इसलिए मति को हमेशा ठीक रखना चाहिए. विष्णु पुराण में जीवन जीने के कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और प्रभु प्रसन्न होते हैं.
बीच चौराहे पर पड़ी चीज से बचकर निकलें
जब हम कहीं जाते हैं तो रास्ते में बहुत सी नकारात्मक चीजें दिखाई देती हैं, उनको कभी भी लांघना नहीं चाहिए. कुछ चीजों में निगेटिव एनर्जी होती है तथा उनका ओरा भी नेगेटिव ही होता है. जैसे ही कोई व्यक्ति वहां से निकलता है, उसका पॉजिटिव ओरा कम हो जाता है. उसमें निगेटिविटी बढ़ जाती है इसलिए बुजुर्ग चौराहा से निकलते समय सजग रहने के लिए कहते हैं.
इसलिए करते हैं शव छून के बाद स्नान
शास्त्रों के अनुसार मृत व्यक्ति को स्पर्श करने से व्यक्ति अपवित्र हो जाता है. अपवित्र का मतलब है कि निगेटिव एनर्जी आ जाती है इसलिए नियम बनाया गया है कि शवयात्रा से लौटने के बाद स्नान किया जाए. ताकि वहां की नेगेटिविटी समाप्त हो जाए और हम फिर से पहले की तरह ऊर्जावान हो जाएं. इसके अलावा शव में कई तरह बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा रहता है. स्नान करने से संक्रमण से बचाव हो जाता है.
मृत जानवर के ऊपर से न निकालें वाहन
यदि रास्ते में मृत जानवर पड़ा हो तो कभी भी उसके ऊपर से अपना वाहन नहीं निकालना चाहिए. मृत जानवर निगेटिव एनर्जी छोड़ रहा होता है, ऐसे में इस नकारात्मक ऊर्जा का आप पर बुरा असर पड़ सकता है.
बहुत अपवित्र माना गया है बालों का गुच्छा
शास्त्रों में शुभ मुहूर्त और पॉजिटिविटी के बारे में कई बातें कही गई हैं. रास्ते में निकलते समय कई बार बालों का गुच्छा दिख जाता है, यह भी बहुत अपवित्र होता है. इसको कभी नहीं लांघना चाहिए और बचकर निकलना चाहिए, कभी भी इसके ऊपर से न निकलें. बाल नकारात्मक ऊर्जा रिलीज करते हैं और इन पर राहु का सीधा प्रकोप होता है. कोशिश करें कि अपनी लंबाई के बराबर की दूरी बनाकर ही निकलें.
इसी तरह कई बार आपको रास्ते या चौराहे पर विभिन्न प्रकार के कांटे दिखाई दे जाते हैं. तांत्रिक उपायों में कांटों का प्रयोग किया जाता है, जीवन में कांटे रूपी बाधाओं को दूर करने के लिए तंत्र साधना करते हुए कांटे रास्ते या चौराहा पर रखवाए जाते हैं. इन्हें लांघना ठीक नहीं है. इन कांटों से दूरी बना कर ही रहें.
पूजन सामग्री या भोजन रखा हो तो भी रखें ध्यान
अक्सर देखा जाता है कि चौराहा पर पूजन सामग्री या भोजन रखा होता है. दरअसल पितरों के लिए भोजन रखने का विधान है. चौराहा राहू को रिप्रेजेंट करता है और पितर भी राहू को रिप्रेजेंट करते हैं. उनसे दूर ही रहना चाहिए. कहीं राख या जली हुई लकड़ी रखी हो तो उसे भी नहीं पार नहीं करना चाहिए, यहां से नकारात्मक एनर्जी निकलती है जो पार करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब कर सकती हैं.
कुछ लोग बच्चों या बड़ों की नजर उतार कर नींबू चौराहे पर रख देते हैं, उसे भी पार करना ठीक नहीं होता है. यदि आप ऐसी किसी निगेटिव चीज के ऊपर से धोखे से निकल जाएं तो अपने इष्टदेव का 11 बार नाम लेकर आगे निकल जाएं या फिर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए निकल जाएं. इससे निगेटिव एनर्जी का असर कम हो जाता है.