इस साल छठ पर्व 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. ऐसे में देशभर में इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी है. वैसे तो ये त्योहार मुख्य रूप से बिहार में मनाया जाता है लेकिन अब इसे दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाने लगा है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी की तिथि तक भगवान सूर्यदेव की अटल आस्था का पर्व 'छठ पूजा' मनाया जाता है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय (31 अक्टूबर) होगा. इसमें व्रती का मन और तन दोनों ही शुद्ध और सात्विक होंगे. इस दिन व्रती शुद्ध सात्विक भोजन करेंगे. व्रती सुबह स्नान करने के बाद चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी ग्रहण करेंगी.
इसके बाद खरना को 1 नवंबर को होगा. इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास के बाद शाम को पूजा-अर्चना करेंगी. फिर शाम के समय गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर छठ माता और सूर्य देव की पूजा करके खाते हैं. तीसरे दिन 24 घंटे उपवास के बाद शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. अगली सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद यह महापर्व समाप्त हो जाएगा.
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छठ पर्व के दौरान भूलकर भी न करें ये काम
छठ पर्व के दौरान कई ऐसी चीजें होती हैं जिनका आपको खास ध्यान देना होता है. अगर आप इस बार पहली बार छठ व्रत कर रहें हैं तो ये बातें जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है.
1. नहाय खाय के बाद घर में मांस या शराब जैसी चीजें बिल्कुल न लाएं.
2. छठ के दौरान सिगरेट या बीढ़ी जैसी चीजों का सेवन करना भी मना होता है. कहा जाता है कि छठ के दौरान इन चीजों का सेवन करने से व्रत का फल नहीं मिलता.
3, घर में जिस जगह प्रशाद बनाएं वहां खुद खाना खाने न बैठें
4. व्रत के तीन दिनों तक कोशिश करें कि जमीन पर सोएं.
5. छठ पर्व के दौरान पूर्ण ब्रहर्मचर्य का पालन करें.
6. छठ में साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है, इसलिए इस दिन व्रत करने वाले को साफ सुथरे और धुले कपड़े ही पहनने चाहिए
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महत्वपूर्ण तिथि
नहाय-खाए (31 अक्टूबर)
खरना का दिन (1 नवंबर)
संध्या अर्घ्य का दिन (2 नवंबर)
उषा अर्घ्य का दिन (3 नवंबर)