महापर्व छठ के अवसर पर दिल्ली में तैयार घाटों पर 10 लाख के करीब भीड़ जुटने की संभावना है. इसके चलते दिल्ली पुलिस और यातायात पुलिस ने विशेष इंतजाम किए हैं. एक अनुमान के मुताबिक, सबसे ज्यादा भीड़ उत्तर-पूर्वी और पूर्वी दिल्ली जिले में बने घाटों पर इकट्ठी होगी. हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का अनुमान है कि सिर्फ वजीराबाद पुल से सिग्नेचर ब्रिज के ही बीच करीब दो-ढाई लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है. भीड़ जुटने के मामले में दूसरे नंबर पर सोनिया विहार चौहान पट्टी घाट के रहने की उम्मीद है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को यहां 80 हजार से एक लाख तक की भीड़ इकट्ठी होने का अनुमान है. हालांकि यहां भीड़ इससे कहीं ज्यादा भी हो सकती है.
ऐसा नहीं है कि सब घाटों पर बेतहाशा भीड़ जुटेगी. दक्षिण और दक्षिणी पूर्वी जिले का एक घाट ऐसा भी है, जहां दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को सिर्फ 250 से 300 लोगों के ही पहुंचने की उम्मीद है. यह घाट है थाना कालकाजी इलाके में 4-ए ब्लाक का डीडीए पार्क. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भीड़ के मद्देनजर 2 और 3 नवंबर को इन इलाकों के रास्तों से बचने की सलाह भी दी है.
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कौन हैं छठ देवी और क्यों होती है पूजा?
मान्यता है कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं. उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना और उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर (तालाब) के किनारे यह पूजा की जाती है. षष्ठी मां यानी कि छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं. इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है और इसलिए छठ पूजा की जाती है.
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छठी मैया से मिलते हैं सैकड़ों यज्ञों के फल
छठी मैया का पूजा करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है.
छठी मैया संतान की रक्षा करती हैं और उनके जीवन को खुशहाल रखती हैं.
छठी मैया की पूजा से सैकड़ों यज्ञों के फल की प्राप्ति होती है.
परिवार में सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी छठी मैया का व्रत किया जाता है.
छठी मैया की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.