लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. छठ व्रती शनिवार शाम को भक्ति भाव के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी. शनिवार शाम नदी...नहर और तलाब के पास छठ व्रती और उनका परिवार जमा होगा. भक्ति भाव से पूजा करके वो डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी. सुरक्षा के मद्देनजर हर जगह पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बिहार, यूपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में छठ महापर्व मनाया जाता है. पारंपरिक छठ गीतों ...मारबउ रे सुगवा धनुष से ...कांच की बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए... होख न सुरुज देव सहइया... बहंगी घाट पहुंचाए...से पूरा शहर और सूबा भक्तिमय है.
शुक्रवार को भगवान भास्कर की भक्ति में सराबोर श्रद्घालुओं ने सूर्यास्त के बाद विशेष प्रसाद बनाकर 'खरना' किया. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे तक का निर्जला उपवास शुरू हो गया. पटना के गंगा तटों पर व्रती बड़ी संख्या में जुटे हैं. व्रती स्नान कर मिट्टी के बने चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर गुड़ की खीर और रोटी बनाकर भगवान भास्कर की पूजा की और भोग लगाया.
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खरना के बाद आसपास के लोग भी व्रतियों के घर पहुंचे और मांगकर प्रसाद ग्रहण किया.
गौरतलब है कि इस प्रसाद के लिए लोगों को बुलाया नहीं जाता, बल्कि लोग खुद व्रती के घर पहुंचते हैं और प्रसाद मांगकर ग्रहण करते हैं. हालांकि अब लोगों को आमंत्रित करने की प्रथा भी प्रारंभ हो गई है.
कई व्रतधारी गंगा तट पर या जलाशयों के किनारे खरना करते हैं, जबकि कई अपने घरों में ही विधि-विधान से भगवान भास्कर को भोग लगाकर खरना करते हैं.
खरना के साथ ही श्रद्धालुओं ने 36 घंटे के निर्जला -निराहार व्रत का संकल्प लिया. व्रती पहला अर्घ्य शनिवार की शाम अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रदान करेंगे.
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रविवार की सुबह उगते सूरज को अर्घ्य प्रदान करने के साथ छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न होगा.
पटना सहित बिहार के शहरों से लेकर गांवों तक में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं. छठ को लेकर सभी ओर रोशनी की पुख्ता व्यवस्था की गई है. महापर्व छठ के अवसर पर दिल्ली में तैयार घाटों पर 10 लाख के करीब भीड़ जुटने की संभावना है. इसके चलते दिल्ली पुलिस और यातायात पुलिस ने विशेष इंतजाम किए हैं. एक अनुमान के मुताबिक, सबसे ज्यादा भीड़ उत्तर-पूर्वी और पूर्वी दिल्ली जिले में बने घाटों पर इकट्ठी होगी. हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का अनुमान है कि सिर्फ वजीराबाद पुल से सिग्नेचर ब्रिज के ही बीच करीब दो-ढाई लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है.
अर्घ्य का समय:-
शनिवार सायंकालीन अर्घ्य का समय: शाम 5.10 से 5.32 बजे
रविवार प्रात:कालीन अर्घ्य का समय:-सुबह 6.29 से 7.15 बजे