छठ पूजा का चार दिनों तक चलने वाला महापर्व शुरु हो चूका है, आपको बता दें आज छठ पूजा का तीसरा दिन है इस दिन संध्या के समय सूर्य देवता को अर्ध्य देने का विशेष महत्त्व है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देवतो को प्रसन्न करने से भाग्योदय होता है, और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. मान्यता है कि अगर जो छठ का व्रत रखता है उनकी मुराद पूरी होती है.अक्सर आपने देखा होगा कि लोग अपनी छोटी-छोटी चीजों को पूरा करने के लिए भगवान से मन्नत मांगते हैं. लेकिन छठ पर्व इस मायने में काफी खास हो जाता है, तभी हर यूपी वाले लोग और खासतौर से बिहारी चाहे किसी भी जगह रहें, इस पर्व को जरूर पूरी श्रद्धा के साथ पूरा करते हैं, और इस महापर्व में जिनकी मुराद पूरी होती है,वह तहेदिल से छठी मैया का शुक्रिया अदा करते हैं, तो आइए हम आपको अपने इस लेख में छठ पूजा के उषा काल में अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं नाक तक सिंदूर क्यों लगाती है,इनका महत्त्व क्या है.
छठ पूजा में नाक तक सिंदूर लगाने का महत्त्व-
छठ पूजन में महिलाएं नाक से लेकर मांग तक सिंदूर लगाती हैं.आपको बता दें यह सिंदूर पति के दीर्घायु उम्र के लिए लगाई जाती है और इसी के साथ पूरे परिवार के सुख-शांति और समृद्धि के लिए यह सिंदूर लगाई जाती है,कहते हैं सिंदूर जितनी लंबी होगी, पति की आयु भी उतनी ही होती है.
छठ पूजन में इस्तेमाल सिंदूर के प्रकार-
1- सुर्ख लाल सिंदूर
सुर्ख लाल सिंदूर को देवी सती और पार्वती की शक्ति का प्रतीक माना गया है,इस सिंदूर को लगाने से पति की आयु लंबी होती है.
2- पीला या नारंगी सिंदूर
इस सिंदूर को लगाने से पति का समाज में मान सम्मान बढ़ता है.
3- मटिया सिंदूर
मटिया सिंदूर एकदम मिट्टी के समान प्रतीत होता है, इसलिए इसे मटिया सिंदूर कहते हैं,वह विशेष तौर पर बिहार में व्रती महिलाएं लगाती हैं.
Source : News Nation Bureau