नहाय-खाय के साथ ही छठ महापर्व का आज से विधिवत आगाज हो चुका है. छठ महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इससे पहले चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय, पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है. नहाय-खाय से ही इस महापर्व की शुरुआत होती है. इस बार षष्ठी तिथि 20 नवंबर को पड़ रही है, लिहाजा छठ महापर्व का मुख्य उत्सव उसी दिन मनाया जाएगा. इसी दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. संतान प्राप्ति और संतान के सुखमय जीवन की कामना के साथ यह पर्व मनाया जाता है. स्त्री हो या पुरुष, सभी इस व्रत को को कर सकते हैं. अगर आपके यहां भी छठ पूजा होने वाली है तो सभी पूजा सामग्री पहले ही एकत्र कर लें. जानें इस पर्व में किन सामग्री की जरूरत होती है.
छठ पूजा सामग्री
- बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां
- बांस या फिर पीतल का सूप
- सूट या साड़ी
- एक लोटा और थाली
- दूध और जल के लिए एक ग्लास
- शकरकंदी और सुथनी
- 5 गन्ने पत्ते लगे हुए
- हल्दी
- पान और सुपारी
- बड़ा वाला मीठा नींबू
- मूली और अदरक का हरा पौधा
- केला
- शरीफा
- पानी वाला नारियल
- नाशपाती
- गुड़
- गेहूं
- चावल का आटा
- ठेकुआ
- मिठाई
- सिंदूर
- चावल
- शहद
- दीपक
- धूप
- सुथनी
- अरता के पत्ता
- लौंग
- इलायची
- सुपारी
- पान का पत्ता
- साठी का चावल
- गन्ना
- सुपली
नहाय-खाय से लेकर परायण तक
- 18 नवंबर 2020, बुधवार- चतुर्थी (नहाय-खाय)
- 19 नवंबर 2020, गुरुवार- पंचमी (खरना)
- 20 नवंबर 2020, शुक्रवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
- 21 नवंबर 2020, शनिवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ्य के बाद परायण)
Source : News Nation Bureau