Advertisment

उगते सूर्य को अर्घ्‍य के साथ संपन्‍न हुआ बिहार और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश का सबसे बड़ा पर्व छठ

शुक्रवार शाम को खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू प्रारंभ हुआ था, जिसका परायण आज उगले सूरज को अर्घ्‍य देने के बाद हुआ. छठ पूजा के श्रद्धालुओं ने 36 घंटे का कठिन व्रत रखा.

author-image
Sunil Mishra
New Update
उगते सूर्य को अर्घ्‍य के साथ संपन्‍न हुआ बिहार और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश का सबसे बड़ा पर्व छठ

उगते सूर्य को अर्घ्‍य के साथ संपन्‍न हुआ सबसे बड़ा पर्व छठ( Photo Credit : ANI Twitter)

Advertisment

बिहार और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश का सबसे बड़ा पर्व रविवार को उगते सूरज को अर्घ्‍य देने के साथ समाप्‍त हो गया. शनिवार शाम को श्रद्धालुओं ने डूबते सूरज को अर्घ्‍य दिया था. शुक्रवार शाम को खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू प्रारंभ हुआ था, जिसका परायण आज उगले सूरज को अर्घ्‍य देने के बाद हुआ. छठ पूजा के श्रद्धालुओं ने 36 घंटे का कठिन व्रत रखा. कई बार धुंध और कोहरे के कारण सूरज के दर्शन नहीं होते तो श्रद्धालु सूर्योदय का समय देखकर अर्घ्‍य देते हैं.

यह भी पढ़ें : अयोध्‍या, राफेल, सबरीमाला सहित चार अहम मुद्दों पर 10 दिनों में सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा अहम फैसला

ऐसा माना जाता है कि छठी मइया का पवित्र व्रत रखने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है. नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है. यश, पुण्य और कीर्ति भी होती है और दुर्भाग्‍य का नाश हो जाता है.

सूर्यदेव की पूजा वैदिक काल से भी पहले से होती चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि सूर्यदेव साक्षात भगवान हैं, जो हमें दिखाई देते हैं. वे प्रकृति के सभी जीवों पर बराबर कृपा करते हैं और किसी तरह का भेदभाव नहीं करते. भगवान सूर्य की उपासना से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है.

यह भी पढ़ें : यह 50-50 क्या है, क्या यह नया बिस्किट है? असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी-शिवसेना पर कसा तंज

छठ पर्व में सूर्यदेव के साथ छठ मैय्या की पूजा भी की जाती है. सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के एक प्रमुख अंश को देवसेना कहा जाता है और प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इन देवी का प्रचलित नाम षष्ठी है. षष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री भी कहा गया है. पुराणों में देवी का नाम कात्यायनी भी है. स्थानीय बोली में षष्ठी देवी को ही छठ मैय्या कहा जाता है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

Chhath Pooja Chhath Chhath Parv Chhath puja 2019
Advertisment
Advertisment