Choti Diwali 2024 Hanuman Puja: काली चौदस की रात हनुमान जी की पूजा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. यह न केवल बुरी शक्तियों से बचाती है बल्कि व्यक्ति को शक्ति, बल और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करती है. छोटी दिवाली की रात को घर की सफाई करना शुभ माना जाता है. कई जगहों पर काली चौदस को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. इस दिन पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है. इन त्योहारों के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण त्योहार है दीवाली, जो रोशनी का त्योहार के रूप में मनाया जाता है. दीवाली से एक दिन पहले आने वाली काली चौदस (kali chaudas) की रात को भी विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है.
क्यों की जाती है हनुमान जी की पूजा?
मान्यता है कि काली चौदस की रात में प्रेत आत्माएं सबसे अधिक सक्रिय होती हैं. ऐसे में बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए हनुमान जी की शरण ली जाती है. हनुमान जी को संकटमोचन के रूप में जाना जाता है और उनकी पूजा करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है. हनुमान जी को बल और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. उनकी पूजा करने से व्यक्ति में शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती आती है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान राम अपने चौदह वर्षीय वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तब उन्होंने हनुमान जी को वरदान दिया था कि उनसे पहले हनुमान जी की पूजा की जाएगी. इसीलिए दीवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है.
काली चौदस की रात हनुमान जी की पूजा का तरीका
इस दिन आप अपने नजदीकी हनुमान मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं. आप अपने घर में भी हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर और अगरबत्ती करके पूजा कर सकते हैं.
अर्चना: हनुमान जी को सिंदूर, फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं. हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें. काली चौदस की रात हनुमान जी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)