धर्मनगरी अयोध्या को त्रेतायुगीन वैभव के अनुरूप संवारा जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार अयोध्या को ऐसे नगर के रूप में विकसित करेगी, जहां धर्म-संस्कृति और अध्यात्म की परंपरा का निर्वाह भी होगा और आधुनिक नगर की सभी वैश्विक सुविधाएं भी होंगी. सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को लोकभवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में अयोध्या के समेकित विकास से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाओं से परिपूर्ण इस शहर को सुव्यवस्थित विकास का मानक बनाने के लिए प्रदेश सरकार हर आवश्यक कदम उठाएगी.
मुख्यमंत्री ने अयोध्या को 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित किये जाने की जरूरत बताते हुए इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए. योगी ने अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा के परिक्षेत्र में आने वाले सभी धार्मिक स्थलों के जरूरत के अनुसार जीर्णोद्धार के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नए भवन बनने हों या सड़कों का चौड़ीकरण या विकास की अन्य कोई परियोजना, नागरिकों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए. भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तेजी से हो और यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी नागरिक का हित प्रभावित न हो.
सीएम योगी ने गुप्तार घाट क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए कहा कि यहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने परिभ्रमण पथ पर बैठने के स्थान, रामायण के विभिन्न कांडों के लिए गजेबो, दीवारों पर पौराणिक गाथाओं का चित्रण, जॉगिंग ट्रैक, लेजर शो, जलपान गृह, पुजारियों के स्थान आदि की प्रस्तावित कार्ययोजना से अवगत कराया.
मुख्यमंत्री ने गुप्तार घाट के प्रवेश मार्ग पर आगंतुकों की सुविधा के लिए प्रस्तावित पार्किं ग को मल्टीलेवल कॉम्पलेक्स के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए. घाट पर जेटी के निर्माण की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि सरयू में जल का प्रवाह तेज है, ऐसे में जेटी निर्माण से पूर्व विधिवत अध्ययन-परीक्षण कराया जाना चाहिए.
योगी ने कहा कि घाट क्षेत्र में सतत विकास पर्यटकों के लिए आकर्षण भी बढ़ाएगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा. योगी ने रामचंद्र दास परमहंस के समाधि स्थल, मखौड़ाधाम और श्मशान घाट मुक्तिधाम के विकास संबंधी कार्यो को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए.
Source : IANS