उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विकास की दौड़ में पिछड़े वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ दीपावली मनायी. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नम्बर तीन में वनवासियों के बीच दीवाली मनाते हुए कहा कि गरीबों के चेहरे पर खुशहाली लाना ही दिवाली की सार्थकता है. संबोधन के दौरान वनटांगियों के लिए अपने संघर्ष को याद कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भावुक हो उठे. उन्होंने कहा कि देश को आजादी 1947 में ही मिल गई, लेकिन वनटांगियों को वास्तविक आजादी पाने में उसके बाद भी 70 साल लग गए.
उन्होंने कहा, ‘‘वनटांगिया गांवों में लोग झोपड़ी में, ढिबरी की रोशनी में रहने को मजबूर थे. यहां सिर्फ दीनता दिखती थी. वह यहां की समस्याओं से वाकिफ थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद इन वनवासियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया. राजस्व ग्राम घोषित किया गया.’’ योगी ने कहा "सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हम इस बात के लिए दृढ़ संकल्पित हैं कि विकास की योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचाएंगे. क्रम आगे पीछे हो सकता है लेकिन समाज का एक भी व्यक्ति इससे वंचित नहीं रहेगा."
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वनटांगिया गांवों के लिए 65.77 लाख रुपये की विकास परियोजनाओं (खड़ंजा, सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र) का लोकार्पण व शिलान्यास करने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र, पुष्टाहार योजना के तहत 10 लाभार्थियों को ड्राई राशन पैकेट व वनटांगिया स्कूल के 10 बच्चों को अपने हाथों से स्कूल ड्रेस, स्वेटर वितरित किया. मुख्यमंत्री योगी ने वनटांगियों को आत्मनिर्भरता का भी मंत्र दिया. इसके लिए उन्होंने कल माटी कला मेले के कलाकारों का जिक्र किया और कहा कि वनटांगिया लोग भी अपने यहां कुछ विशिष्ट उत्पाद तैयार कर आत्मनिर्भरता की राह पर चल सकते हैं.
मंचीय कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने वहां लगे विभिन्न विभागों के स्टालों का निरीक्षण किया. इसके बाद वह गांव के भ्रमण पर निकले. गांव में वह उस हिन्दू विद्यापीठ में भी गए जिसे सांसद रहते हुए उन्होंने शुरू कराया था. इस दौरान वह मुख्यमंत्री आवास योजना से बने रामगणेश के मकान में भी गए और परिवार को आशीर्वाद देने के साथ उनके साथ फोटो भी खिंचवाई.
Source : Bhasha