Shardiya Navratri 2023: साल में दो मुख्य नवरात्रि आते हैं. अक्टूबर में आने वाले नवरात्रों को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. इस साल 14 अक्टूबर की रात 11:24 बजे से प्रतिपदा तिथि शुरु हो रही है. जो 16 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 15 अक्टूबर रविवार से नवरात्रि शुरु होंगे. नौ देवियों की इन दौरान पूजा की जाती है. हर देवी के लिए पूजा का खास विधिविधान होता है. कुछ लोगो माता के नए वस्त्र भी नवरात्रि में बदलते हैं. 24 अक्टूबर को विजय दश्मी में ऐसे में आपको माता को किस रंग के कपड़े पहनाने चाहिए आएइ जानते हैं. वैसे आपको बता गें कि इस साल कोई भी तिथि न ही घट रही और न ही बढ़ रही है.
माता कालका : मां काली का रंग कहीं-कहीं काला और कहीं पर नीले का वर्णन मिलता है. कुछ विद्वान इन्हें श्यामरंग की मानते हैं.
तारा : भगवती तारा के तीन स्वरूप हैं:- 1.नील सरस्वती 2.एक जटा 3.उग्र तारा. आद्या शक्ति महाकाली ने हयग्रीव नमक दैत्य के वध के लिए घोर नीला वर्ण धारण किया तथा वे उग्र तारा के नाम से जानी जाने लगी.
त्रिपुर सुंदरी : देवी का शारीरिक वर्ण हजारों उदयमान सूर्य के कांति की भांति है.
भुवनेश्वरी : दस महाविद्याकों में से एक माता भुवनेश्वरी का वर्ण लाल बताया गया है. कुछ जगह पर इन्हें स्वर्ण आभा के सामान कांति वाली और देवी उगते सूर्य या सिंदूरी वर्ण से शोभिता हैं.
देवी छिन्न मस्तका : देवी का शारीरक वर्ण पीला या लाल-पीले मिला रंग का हैं.
देवी महा त्रिपुरभैरवी : देवी भैरवी कि शारीरिक कांति हजारों उगते हुए सूर्य के समान है. कभी-कभी देवी का शारीरिक वर्ण गहरे काले रंग के समान प्रतीत होती है, जैसे काली या काल रात्रि देवियों का हैं.
धूमावती : देवी धूमावती का वास्तविक रूप धुएं जैसा है अर्थात मटमेला.
बगलामुखी : दस महाविद्याओं में से एक बगलामुखी देवी का रंग पीला है.
देवी मातंगी : देवी मातंगी का वर्ण गहरे नीले रंग (नील कमल के समान) या श्याम वर्ण का है.
कमला : देवी कमला का स्वरूप अत्यंत ही मनोहर तथा मनमोहक हैं तथा स्वर्णिम आभा लिया हुए हैं. अर्थात इनका रंग पीला है.
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