दीपावली का पर्व आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं. इस साल दीपावली से पहले आने वाला धनतेरस का पर्व 2 नवंबर को है. इसी दिन से हिन्दुओं के पवित्र पंच-पर्व की शुरुआत होती है. पंच-पर्व यानी पांच त्योहार, जिनका हमारे हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है. पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया पारस भाई जी (Paras Bhai Ji) ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. 2 नवंबर यानी धनतेरस के दिन प्रदोष काल शाम 5:37 से लेकर रात 8: 11 बजे तक है, जबकि वृष काल शाम 6.18 से लेकर रात 8.14 बजे तक रहेगा. धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.18 बजे से रात 8.11 बजे तक रहेगा.
वैसे श्री पारस भाई जी यह भी कहते हैं कि यह तो पूरा दिन ही शुभ है, इसलिए अगर लिखे समय पर आप खरीदारी न का पाए तो भी चिंता नहीं करे, क्योंकि खुशियां खरीदने और मनाने का कोई समय निर्धारित नहीं होता है. बस खुलकर अपने त्योहारों का मज़ा लीजिये. जय माता दी...
भारतीय पौराणिक कथनानुसार धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी के साथ धन्वन्तरि की पूजा की जाती है. मान्यता है कि देव और असुर जब समुद्र मंथन कर रहे थे तब कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुंद्र मंथन से धन्वन्तरि प्रकट हुए. धन्वन्तरि के हाथों में अमृत से भरा कलश था. माना जाता है तभी से आयुर्वेदिक चिकित्सा का आरम्भ हुआ. कहा जाता है कि धन्वन्तरि के हाथ में जो कलश था वह पीतल का था. इसी कारण धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदने का प्रचलन आरम्भ हुआ. माना जाता है कि ऐसा करने से घर से हारी बीमारी का नाश होता है.
गुरुदेव श्री पारस भाई जी ने जब यह पूछा कि धनतेरस पर क्या ख़रीदे जिससे आपके जीवन में सुख समृद्धि बढ़ें?
तब श्री पारस भाई जी ने कहा कि धनतेरस के दिन झाड़ू अवश्य खरीदनी चाहिए, क्योंकि झाड़ू हमारे घर की गंदगी को साफ़ करती है और त्रयोदशी के इस दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसा करने पर घर से निगेटिव ऊर्जा का नाश होता है और घर में पैसे की बरकत बढ़ती है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान अवश्य करें. आपको शुभ फल मिलेंगे. क्योंकि ऐसा करने पर भी मां लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और सालभर खूब धन-दौलत देती हैं. इस दिन धन के देवता कुबेर, मां लक्ष्मी, धन्वतंरि और यमराज की पूजा-अर्चना की जाती है.
धनतेरस के दिन अपनी क्षमतानुसार हम यह चीज़ें खरीद पाए तो घर में बरकत बढ़ती है.
- तिजोरी
- पीतल का बर्तन
- धनिये के बीज
- झाड़ू
- कोई भी वाहन
- पीले रंग के कपडे
- श्री यन्त्र
- सोना, चांदी या फिर चांदी का कोई ठोस सिक्का
यह सब हमारे जीवन में शुभता देगा. धनतेरस के दिन खरीदारी के लिए शुभ-मुहूर्त का समय है.
त्रिपुष्कर योग : सुबह 06:06 से लेकर 11:31 बजे तक. इस योग में खरीदारी शुभ है.
06:18:22 से 08:11:20 तक. इस काल में पूजा और खरीदी दोनों हो सकती है. लाभ- 07:09 से 08:48 तक. शुभ- 10:26 से 12:05 तक
धनतेरस मुहूर्त : 06 बजकर 18 मिनट 22 सेकंड से लेकर 8 बजकर 11 मिनट 20 सेकंड तक का शुभ मुहूर्त है. इस काल में पूजा-अर्चना भी होती है.
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:42 बजे से लेकर दोपहर 12:26 बजे तक. यह मुहूर्त खरीदारी के लिए काफी शुभ रहेगा.
विजय मुहूर्त : दोपहर 01:33 बजे से लेकर 02:18 बजे तक तक
शाम और रात के शुभ मुहूर्त
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:05 बजे से लेकर 05:29 बजे तक प्रदोष काल : 05 बजकर 35 मिनट 38 सेकंड से लेकर 08 बजकर 11 मिनट 20 सेकंड तक रहेगा और हम आशा करते हैं कि आपके जीवन में यह पंच पर्व नई खुशियों की किरण लेकर आए. जय माता दी...
Source : News Nation Bureau