Dhanteras 2023 : धनतेरस से दिवाली की शुरुआत होती है. आज धनतेरस के खास मौके पर हम आपको इसके महत्व के बारे में बताएंगे. पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली से पहले धनतेरस क्यों मनाया जाता है. इस दिन खरीदारी का महत्व क्या है और आज धनतेरस की शॉपिंग करने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन सा रहेगा. इसके अलावा आज हम आपको आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा और हवन का शुभ मुहूर्त भी बताएंगे साथ ही शाम के समय आपको धन के देवता कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा किस समय करनी है ये जानकारी भी दे रहे हैं. आज रात यम का दीपक भी जलाया जाता है. इसका क्या महत्व है और आज रात कितने बजे यम दीपम करें ये भी जान लें.
कब करें धनवंतरी की पूजा
आज धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जन्मदाता धनवंतरी जी की जयंती भी मनायी जाती है. मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि सोने के क्लेश के साथ आज के दिन प्रकट हुए थे. इस दिन उनके नाम का पूजा हवन करने से सदा निरोगी रहते हैं. जो भी व्यक्ति आयुर्वेद का जानकार होता है और अच्छा स्वास्थ्य चाहता है वो आज दोपहर को 01 बजकर 14 मिनट से 2 बजकर 42 मिनट तक पूजा कर सकता है.
धनतेरस की खरीदारी का शुभ मुहूर्त
शाम को प्रदोष काल, गोधूलि वेला और स्थिर लग्न 5 बजकर 43 मिनट से शुरु होगा और ये शाम 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. इस बीच आप धनतेरस का पूजन भी कर सकते हैं और बर्तन, ज्वेलरी , वस्त्र ,घरेलू उपयोग की वस्तुएं भी खरीद सकते हैं. इस समय की गई खरीदारी बेहद शुभ होती है.
धनतेरस पर खरीदारी का महत्व
आज धनतेरस के दिन आपको शुभ मुहूर्त में बर्तन और सोने चांदी के अलावा वाहन, जमीन जायदाद के सौदे , लग्जरी चीज और घर में काम आने वाली अन्य दूसरी चीजों की खरीदारी करनी चाहिए. इसे शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन आप जो भी खरीदते हैं चल -अचल संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है. धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन खरीद सकते हैं. इसके अलावा कुबेर यंत्र खरीदना भी शुभ माना जाता है. झाड़ू खरीदने का धाार्मिक महत्व भी है कहते हैं इससे घर में सकारात्मकता आती है और देवी लक्ष्मी का वास होता है. धनतेरस के दिन साबुत धनिया घर लाने की परंपरा भी है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और भगवान गणेश की पूजा जरूर करनी चाहिए. धनतेरस के दिन घर और बाहर 13 दीपक जलाने से बीमारियों को दूर किया जाता है.
धनतेरस क्यों मनाया जाता है ?
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि जब अपने हाथों से अमृत कलश लेकर निकले थे. मान्यता है कि इस दिन जो भी सही विधि विधान से भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना करता है उसे आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau