Dhanteras Kyu Manate Hai: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार ऐसा बताया गया है कि समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इस दिन अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. धन्वंतरि भगवान को आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है, यही कारण है कि इस दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस (national ayurveda day ) भी सेलिब्रेट किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि धन्वंतरि भगवान श्रीहरि के अंश ही हैं, जिन्होंने इस दुनिया में सबसे पहले चिकित्सा और विज्ञान का प्रचार और प्रसार किया. देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद से इस दिन आप जो भी अपने घर में लाते हैं उसमें 13 गुना की वृद्धि होती है. अब इस पौराणिक मान्यता के पीछे का कारण क्या है ये भी जान लें.
धनतेरस क्यों मनाते हैं (why we celebrate dhanteras)
क्या आप जानते हैं कि धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला शब्द है धन और दूसरा शब्द है तेरस. अब इन दोनों को जब एक साथ जोड़कर पढ़ा जाता है तो इसका अर्थ होता है धन का तेरह गुना. बस यही कारण है कि धनतेरस (Dhanteras 2024) के दिन आप जब कुछ खरीदारी करते हैं, सोना, चांदी खरीदते हैं तो वो 13 गुना बढ़ता है. भगवान धंवंतरि को समर्पित इस दिन धन के देवता कुबेर, मृत्यु के देवता यमराज और देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है और रात के समय यम दीपम भी होता है.
कहावत 'पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया, तो दीवाली से 2 दिन पहले हम धन्वंतरि भगवान (God Dhanvantri) की पूजा करके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं और फिर 2 दिन बाद दीवाली (diwali 2024) पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करके हैं जिससे घर में कभी धन धान्य की कमी नहीं होती. यही कारण है कि दिवाली से पहले धनतरेस मनाया जाता है.
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वैसे आपको बता दें कि इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा. 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को इस साल दिवाली मनायी जा रही है. सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो दिवाली का स्थिर लग्न 31 अक्टूबर 2024 को ही है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)