Dharmik Significance of Animal Husbandry: वास्तु शास्त्र में कई समस्याओं का समाधान बताया गया है. ऐसे में पशुओं को पालने का भी वर्णन मिलता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ पशु ऐसे होते हैं जो मनुष्यों के लिए बेहद लकी साबित होते हैं और व्यक्ति का जीवन पूरा बदल जाता है. इन पशुओं के सात्विक प्रभाव से व्यक्ति मालामाल हो जाता है, उसके रुके काम फिर से बनने लग जाते हैं और कुंडली में ग्रहों द्वारा उत्पन्न होने वाली सभी परेशानियां भी दूर रहती हैं.
कुत्ता (Dog)
कुत्ते को भगवान भैरव का सेवक माना जाता है. माना जाता है कि कुत्ते को पालने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही धन के आगमन से रास्ते खुलते हैं. इसके अलावा कुत्ता परिवार के सदस्यों पर आने वाले संकट को अपने ऊपर ले लेता है.
मछली (Fish)
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में मछलियों को पालना शुभ है. मछलियों के पालने से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है. साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. एक्वेरियम में सुनहरी रंग की मछलियां रखना शुभ माना जाता है. इसके अलावा एक्वेरियम में रखी काली मछली होने पर यह परिवार में आने वाले संकट को टाल सकती है.
घोड़ा (Horse)
वास्तु शास्त्र के अनुसार घोड़ा पालना लकी है. घोड़ा बेहद परिश्रमी और समझदार पशु है. अगर घोड़ा पालना संभव न हो तो कम से कम घोड़े की तस्वीर या मूर्ति लगाई जा सकती है. घोड़े को पालने या घोड़े की तस्वीर लगाने से कुंडली में ग्रहों द्वारा उत्पन्न होने वाली सभी परेशानियां भी दूर रहती हैं.
कछुआ (Turtle)
वास्तु शास्त्र के मुताबिक कछुआ पालना गुडलक है. माना जाता है कि कछुए के घर में रहने से सारे काम बनते चले जाते हैं. इसके अलावा इसे घर में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.
खरगोश (Rabbit)
वास्तु शास्त्र में खरगोश को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है. खरगोश पालने से घर की निगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. इसे पालने से घर में खुशहली बरकरार रहती है.