Advertisment

Dhumavati Jayanti 2022 Katha and Rahasya: विधवा होने पर भी क्यों पूजा जाता है मां पार्वती का यह रूप, जानें मां धूमावती की कथा और रहस्य

Dhumavati Jayanti 2022 Katha and Rahasya: धूमावती जयंती ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है. इस साल धूमावती जयंती 7 जून दिन बुधवार को है. इस दिन मां पार्वती के विधवा स्वरूप की पूजा की जाती है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
dhumawati

विधवा होने पर भी क्यों पूजा जाता है मां पार्वती का यह रूप( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Dhumavati Jayanti 2022 Katha and Rahasya: धूमावती जयंती हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल धूमावती जयंती 7 जून दिन बुधवार को है. मां धूमावती भगवान शिव द्वारा प्रकट ​की गई 10 महाविद्याओं में से एक हैं. यह सातवीं महाविद्या हैं और ज्येष्ठा नक्षत्र में निवास करती हैं. मां धूमावती को अलक्ष्मी भी कहते हैं. यह मां पार्वती का सबसे डरावना स्वरूप है. दरिद्रता और रोगों को दूर करने के लिए मां धूमावती की पूजा की जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर विधवा होने के बाद भी क्यों पूजा जाता है माँ का ये रूप और इसके पीछे कथा एवं रहस्य. 

यह भी पढ़ें: Ganga Dusshera 2022 Date, Shubh Muhurat and Yog: गंगा दशहरा पर इस मुहूर्त में लगाएं डुबकी, मिट जाएंगे पाप और पूरी होगी हर मनोकामना

मां धूमावती के रूप का रहस्य 
मां धूमावती माता पार्वती की उग्र स्वरूप हैं. यह विधवा, कुरूप, खुली हुई केशोंवाली, दुबली पतली, सफेद साड़ी पहने हुए रथ पर सवार रहती हैं. इनको अलक्ष्मी भी कहते हैं. एक बार माता पार्वती को बहुत तेज भूख लगी. उन्होंने भगवान शिव से भोजन के लिए कहा, तो उन्होंने तत्काल व्यवस्था करने की बात कही. लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी भोजन नहीं आया.

इधर भूख से व्याकुल माता पार्वती भोजन की प्रतीक्षा कर रही थीं. जब भूख बर्दाश्त नहीं हुई, तो उन्होंने भगवान शिव को ही निगल लिया. ऐसा करते ही उनके शरीर से धुआं निकलने लगा. भगवान शिव उनके उदर से बाहर आ गए और कहा कि तुमने तो अपने पति को ही निगल लिया. अब से तुम विधवा स्वरूप में रहोगी और धूमावती के नाम से प्रसिद्ध होगी. इसके साथ ही भगवान शिव ने यह भी वरदान दिया कि जो भी कोई व्यक्ति मां पार्वती के इस स्वरूप की पूजा करता है उसे दरिद्रता कभी छू भी नहीं पाई और साथ ही उसका शरीर सदैव के लिए रोग मुक्त रहेगा. 

उप-चुनाव-2022 Dhumavati Jayanti 2022 Dhumavati Jayanti 2022 Katha and Rahasya maa dhumavati
Advertisment
Advertisment
Advertisment