Disha Shool 2022: हिंदू धर्म, शास्त्र, वास्तु और पंचांग आदि में दिशाओं को बहुत महत्व दिया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी दिशा में यात्रा करने का एक शुभ मुहूर्त या शुभ दिन होता है. यदि दिशाओं के अनुसार काम न किए जाएं तो वे अशुभ फल देते हैं. कई बार गलत दिशा में यात्रा करना या सामान रखना बहुत भारी पड़ सकता है. अगर शुभ दिन के विपरीत किसी अन्य दिशा में यात्रा की जाए तो न सिर्फ किसी बड़ी दुर्घटना के होने की आशंका होती है बल्कि आपके सभी बनते काम भी बिगड़ सकते हैं. इसलिए धर्म, ज्योतिष, शास्त्रों आदि में दिशा शूल को ध्यान में रखकर यात्राएं करने की सलाह दी गई है.
क्या है दिशा शूल?
दिशाशूल से मतलब है कि संबंधित दिशा में यात्राएं करने से बाधाएं आएंगी या कष्ट झेलने वाले पड़ेंगे. लिहाजा संबंधित दिन संबंधित दिशा में यात्रा न करें. हालांकि घर से यात्रा पर निकलने के लिए दिशा शूल को ध्यान में रखना चाहिए लेकिन यात्रा से घर वापस आने के लिए दिशा शूल को मानने की जरूरत नहीं होती है.
ये हैं सप्ताह के हर दिन के दिशा शूल
सप्ताह के हर दिन को लेकर दिशा शूल बताए गए हैं. यानी कि उस विशेष दिन संबंधित दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए.
- सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में दिशा शूल माना जाता है. यानी कि इन दोनों दिनों में पूर्व की यात्रा न करें.
- मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है, लिहाजा इस दिशा में यात्रा न करें. साथ ही मंगलवार को उत्तर-पश्चिम कोण में भी दिशा शूल माना जाता है.
- बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व कोण में दिशा शूल होता है.
- गुरूवार को दक्षिण दिशा में दिशा शूल माना जाता है, लिहाजा गुरुवार को दक्षिण में यात्रा न करें.
- शुक्रवार और रविवार को पश्चिम दिशा और दक्षिण-पश्चिम कोण में दिशा शूल होता है इस दिन इन दिशाओं में यात्रा के लिए न निकलें.
- इसके अलावा सोमवार और गुरूवार को दक्षिण-पूर्व कोण में भी दिशा शूल माना जाता है.