दिवाली ने दस्तक दे दी है और लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई करके अपने घर में लक्ष्मी को बुलाने की सभी तैयारियों लगभग पूरी कर ली हैं। दिवाली के त्यौहार पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का खास महत्व होता है। आज हम आपको दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, समय और मंत्र बताने जा रहे हैं, जिसे करने के बाद आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
दिवाली पूजा की विधि
सबसे पहले गणेश जी की पूजा
सबसे पहले गणेश जी मूर्ति स्थापित करें, फिर एक सुपारी लेकर इसे अच्छे से साफ कर लें। इसके बाद सुपारी को मौली में बांध लें। मौली से बंधी सुपारी को चांदी, तांबा या अन्य किसी धातु से बने बर्तन पर रखें और उन्हें गंधाक्षत अर्पण करें। इसके पश्चात गणेश जी का ध्यान करके ऊं ‘भूर्भुवा स्वाह श्री गणपतये, इहागच्छा, इहा तिस्ठ, मम पूजम गृहा’ मंत्र का उच्चारण करें।
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गणेश जी का ध्यान करते समय आपके हाथ आह्वान मुद्रा में होने चाहिएं। आह्वान मुद्रा में फिर से ‘भूर्भुवा स्वाह श्री गणपतये, इहागच्छा, इहा तिस्ठ, मम पूजम् गृहा’ का जाप करें और गणेश जी के आगमन का स्वागत करें।
फिर लक्ष्मी जी की पूजा
इसके बाद लक्ष्मी जी का ध्यान करें, लक्ष्मी जी के आह्वान के लिए ‘आगच्छा देव-देवेशी! तेजोमयी महा-लक्ष्मी, क्रियामणम माया पूजाम्, गृहाम सुर वंदिते!’ इस मंत्र का उच्चारण करे। इसके बाद लक्ष्मी-गणेश पर हाथ जोड़कर पुष्प और मिठाई समर्पित करें।
इसके बाद लक्ष्मी जी के आगमन का ध्यान करते हुए ‘श्री लक्ष्मी देवी दें। स्वागतम्’ मंत्र का उच्चारण कर लक्ष्मी जी का स्वागत करें। इसके बाद प्रसाद के तौर पर चढ़ाई गई मिठाई को परिवार में बांटें।
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लक्ष्मी गणेश पूजन का 30 अक्टूबर शाम 7 बजे से 8 बजकर 34 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटे 34 मिनट है। इस पूजा के लिए प्रदोष काल शाम 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक है। वहीं वृषभ काल शाम 7 बजे शुरु होगा और 9 बजे खत्म होगा। प्रदोष काल की अवधि में पूजा करना आवश्यक है।
शहरों में दिवाली पूजा मुहूर्त का समय
लखनऊ : 30 अक्टूबर, शाम -17:20 to 19:56
मुंबई : 30 अक्टूबर, शाम - 17:34 to 20:10
दिल्ली : 30 अक्टूबर, शाम- 17:33 to 20:09
गुड़गांव : 30 अक्टूबर, शाम -18:02 to 20:34
Source : News Nation Bureau