इस साल 27 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा. इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है. हिंदु धर्म की परंपराओं के अनुसार, गणपति भगवान को ऋद्धि-सिद्धि के अधिपति और मां लक्ष्मी को धन-संपत्ति की देवी कहा जाता है. इनकी कृपा होने के बाद संसार का सारा सुख मिल जाता है. दिवाली पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने लिए हर कोई पूरी शिद्दत से इसकी तैयारी में जुटा रहता है.
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- आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. देवी लक्ष्मी का एक नाम कमला है, क्योंकि यह कमल के आसन पर विराजमान होती हैं. इनके हाथों में कमल का पुष्प भी है. इनका जन्म सागर से हुआ माना जाता है.
- लक्ष्मी को धन, संपदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाता है. जिस भक्त पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, वह उसे भी मालामाल कर देती हैं. देवी लक्ष्मी को पुराणों में धन की देवी बताया गया है. इनका प्रतीक चिन्ह अक्षय कलश है, जो देवी लक्ष्मी के हाथों में हमेशा होता है और इससे देवी धन की वर्षा करती रहती हैं.
- शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी की मूर्तियों में हाथियों को भी दिखाया जाता है. दरअसल, यह गज लक्ष्मी का स्वरूप होता है. देवी लक्ष्मी के साथ हाथी का होना जल और जीवन को दर्शाता है. देवी लक्ष्मी पर जल बरसाता हुआ हाथी अन्न धन और समृद्धि को दर्शाता है. यह दर्शाता है कि हाथी लक्ष्मी को समृद्ध बना रहा है.
- सभी जानते हैं कि देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, लेकिन कम ही लोगों को पता है कि उनका वाहन हाथी भी है. इसका कारण यह है कि पशुओं में हाथी एक ऐसा जीव है जो शेर के बीच भी अपनी मस्त चाल में चलता है. यही कारण है कि जंगल का राजा भले ही शेर कहलाता है, लेकिन हाथी को भी गजराज के नाम से पुकारा जाता है यानी शेर के बीच भी इनकी अपनी सत्ता होती है.
हाथी को गणेश जी का भी स्वरूप माना जाता है जो शुभता को दर्शाता है, यानी जहां शुभ कर्म होंगे वहां लाभ भी होगा, लक्ष्मी भी होगी. लक्ष्मी के साथ हाथी भी दर्शाता है कि जहां शुभ कर्म होंगे वहां लक्ष्मी भी होगी.