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Diwali 2020: इस दिवाली को बनाएं ईको-फ्रेंडली, प्रदूषण से दूर सेहत भरपूर

हिन्‍दुओं का सबसे बड़ा त्‍योहार दिवाली (Diwali 2020) इस बार 14 नवंबर को मनाई जाएगी. रोशनी के इस त्‍योहार पर लोग एक दूसरे को मिठाइयां और गिफ्ट देते हैं. दिवाली पर हम भारतीय दिल खोलकर खर्च करते हैं. दिवाली के लिए इस बार भी बाजार गुलजार हो गए हैं.

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Sunil Mishra
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Diwali 2020:इस दिवाली को बनाएं ईको-फ्रेंडली, प्रदूषण से दूर सेहत भरपूर( Photo Credit : File Photo)

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हिन्‍दुओं का सबसे बड़ा त्‍योहार दिवाली (Diwali 2020) इस बार 14 नवंबर को मनाई जाएगी. रोशनी के इस त्‍योहार पर लोग एक दूसरे को मिठाइयां और गिफ्ट देते हैं. दिवाली पर हम भारतीय दिल खोलकर खर्च करते हैं. दिवाली के लिए इस बार भी बाजार गुलजार हो गए हैं. मिठाइयों, गिफ्ट, कपड़ों के अलावा हम सबसे अधिक खर्च पटाखों पर करते हैं. पटाखों से प्रदूषण फैलता है और यहां तक कि हमें सांस लेने में भी परेशानी होती है, यह सब जानते हुए भी हम दिल खोलकर पटाखों पर खर्च करते हैं. इस बार दिवाली से पहले ही दिल्‍ली और आसपास के शहरों में पर्यावरण की बड़ी समस्‍या पैदा हो गई है. पर्यावरण की समस्‍या से निजात दिलाने के लिए हम ईको फ्रेंडली दिवाली (Eco Friendly Diwali) मना सकते हैं और अपने स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ने वाले प्रदूषण के असर को कम कर सकते हैं.

तेल के दीपक और LED लाइट जलाएं : ईको फ्रेंडली दिवाली मनाने के लिए दीयों का इस्‍तेमाल करें या फिर LED लाइट का. मोमबत्‍ती के इस्‍तेमाल से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. लिहाजा मोमबत्‍ती का इस्‍तेमाल करने से बचें. मोमबत्‍ती पेट्रोलियम पदार्थों से बनता है और इसके जलने से हवा को नुकसान पहुंचता है. इसके जलने से विषाक्‍त पदार्थ भी निकलते हैं. दूसरी ओर, LED लाइट का इस्तेमाल करने से बिजली की कम खपत होती है और लाइटिंग भी अच्‍छी होती है. 

प्राकृतिक रंगोली : पहले चावल, सूखे चावल के आटे से रंगोली बनाई जाती थी. इससे रंगोली भी बन जाती थी और बाद में यह पक्षियों और चींटियों के खाने का साधन बन जाता था. रंगों में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें. इसमें हल्दी, कॉफी पाउडर और कुमकुम का इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही गुलदाउदी, गुलाब, कमल के फूलों की पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसा करना पर्यावरण के अनुकूल होगा. हालांकि आजकल रासायनिक रंगों से रंगोली बनाने का चलन बन गया है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.

ईको-फ्रेंडली पेंट : आम तौर पर दिवाली में लोग घरों को पेंट कराते हैं. सामान्य पेंट के बदले ईको-फ्रेंडली पेंट का इस्‍तेमाल करना चाहिए. ईको फ्रेंडली पेंट में हानिकारक VOC नहीं होते. साड़ी या दुप्पट्टे का इस्तेमाल कर स्ट्रीमर बनाए जा सकते हैं. घर पर क्राफ्ट जैसे टिश्यू पेपर, चावल या सैंडविच पेपर का इस्तेमाल कर पेपर लालटेन बनाया जा सकता है. यह देखने में अलग और यूनिक भी होगा. 

ऑर्गेनिक आइटम का इस्‍तेमाल करें : दिवाली पर हम दोस्तों या परिवार के सदस्यों और रिश्‍तेदारों को गिफ्ट देते हैं. गिफ्ट में ऑर्गेनिक गिफ्ट दें. ऑर्गेनिक चीजों को गिफ्ट देने से ऑर्गेनिक चीजों का प्रचार प्रसार भी होगा और उससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा. छोटे पौधे भी आप गिफ्ट में दे सकते हैं. 

No Crackers, Only Green Crackers : दिवाली पर अधिक प्रदूषण फैलाने वाले और अधिक आवाज करने वाले पटाखों के बदले ग्रीन पटाखें जलाएं. वातावरण को दूषित करने वाले पटाखों से बचें.

Source : News Nation Bureau

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