आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) ने जीवन के कई पहलुओं के बारे में बताया है. उन्हें अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति के ज्ञाता कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि चाणक्य नीति (chanakya niti) का पालन करने वालों को जीवन में कम ही कष्टों का सामना करना पड़ता है. इसलिए, उनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. उनकी नीतियां भले ही लोगों को कठोर लगे लेकिन, वही जीवन की सच्चाई है. ऐसा ही कुछ चाणक्य ने इस बार बताया है. उन्होंने अपनी नीति में कहा है कि गुस्सा आने पर कुछ लोगों से कभी भी झगड़ा (fight side effects in chanakya niti) नहीं करना चाहिए.
उनका कहना है कि गुस्सा हमारी सोचने-समझने की शक्ति को खत्म कर देता है. गुस्सा न केवल आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि दुश्मनों का कारण (chanakya niti life lessons) भी बन जाता है. इसलिए आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि जब हम गुस्सा होते हैं तो कई ऐसे लोगों से लड़ाई मोल ले लेते हैं जिसके बाद हमें पछतावा होता है. तो, चलिए आपको उन लोगों के बा.रे में बताते हैं जिनसे कभी भी झगड़ा (chanakya niti anger side effects) नहीं करना चाहिए.
दोस्तों से न करें झगड़ा -
दोस्ती का रिश्ता जिंदगी के खास रिश्तों में शामिल होता है. दोस्त हंसी-मजाक करने से लेकर सीक्रेट्स शेयर करने तक हर कदम पर साथ देते हैं. ऐसे में अगर आप अपने बेस्ट फ्रेंड से झगड़ा करते हैं. तो, आप अपना भरोसेमंद रिश्ता खो देंगे. जिसकी वजह से आपको भविष्य में पछताना (fight with parents) पडे़गा.
परिजनों से न करें झगड़ा -
चाणक्य की नीति के अनुसार, परिजन और रिश्तेदार अक्सर हमें अच्छे और बुरे की समझ करवाते हैं. वे हर परिस्थिति में हमारे साथ रहते हैं. ऐसे में परिजनों से झगड़ा करना अपने शुभचिंतकों को खोने के बराबर है. इससे न सिर्फ बाद में आपको पछतावा हो सकता है, बल्कि भविष्य में आपको सही रास्ता दिखाने वाले परिजन भी आपसे (fight with relatives) दूर हो सकते हैं.
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माता-पिता से न करें झगड़ा -
कहा जाता है कि माता-पिता जीवन का आधार होते हैं. ऐसे में अगर इनसे विवाद हो जाए तो जीवनभर पछताना पड़ सकता है. कई मां मां-बाप संग विवाद करने के बाद हम सही-गलत में फर्क नहीं कर पाते हैं और गलत संगति पकड़ लेते हैं. ऐसे में माता-पिता से कभी झगड़ना (fight with parents) नहीं चाहिए.
गुरु से न करें लड़ाई -
गुरु हमारे जीवन में अंधकार से प्रकाश करते हैं. वहीं हमें जीवन जीने का सही रास्ता दिखाते हैं. हमें अच्छे-बुरे का ज्ञान कराते हैं. हमें अच्छी बातें बताते हैं. गुरु हमारी आत्मिक उन्नति करने में हमारा सच्चा पथ प्रदर्शक होता है. ऐसे में अगर इनसे विवाद हो जाता है तो, आप गुरु की कृपा से वंछित हो जाते हैं. जीवन में गुरु का ज्ञान सबसे जरूरी (fight with teacher) होता है.