इस साल गणेशोत्सव का त्योहार 31 अगस्त, बुधवार (Ganesh chaturthi 2022) से शुरू होने जा रहा है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. ये त्योहार 10 दिनों तक चलता है. जिसकी पूरे देश में खूब धूम रहती है. माना जाता है कि गणपति की पूजा (ganesh chaturthi 2022 date) से हर तरह के विघ्न दूर हो जाते हैं. चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है. फिर अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा का विसर्जन करते हुए गणेशोत्सव पर्व संपन्न होता है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हमारे आसपास न जानें कितनी ही चीजें मौजूद होती हैं. जिनके देखने और छूने से लोगों पर नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. उन्हीं चीजों में से एक गणेश चतुर्थी का चांद देखना है. यदि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन किए जाएं तो ऐसा करने से गणेश जी नाराज (ganesh chaturthi 2022 moon darshan) हो जाते हैं. लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है कि इसके पीछे क्या कारण है. तो, बता दें इसके पीछे एक कहानी प्रचलित है. ऐसे में लोगों को इस कहानी के बारे में पता होना चाहिए. तो, आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन क्यों नहीं करने चाहिए.
क्यों नहीं करते चांद के दर्शन -
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार गणेश जी के लंबोदर और गजमुख को देख कर चांद को हंसी आ गई. चांद को हंसता देखकर गणेश जी को बहुत गुस्सा आया और वह नाराज हो गए. उन्होंने चांद से कहा कि तुम अपने रूप का बहुत अहंकार करते हो इसलिए अब तुम्हारा क्षय हो जाएगा. आज के दिन यानी गणेश चतुर्थी या गणेश चौथ के दिन तुम्हें देखेगा उसे कलंक लगेगा. गणेश जी की श्राप से चंद्रमा दुखी हो गए और वह छिप कर बैठ गए. चंद्रमा की ऐसी स्थिति को देखकर देवताओं ने चंद्रमा को सलाह दी कि आप मोदक और पकवानों से गणेश भगवान की पूजा करें. ऐसा करने से आप गणेश जी के श्राप से मुक्त हो जाएंगे. तब चंद्रमा ने गणेश जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया. गणेश जी (ganesh chaturthi 2022 chandra darshan) ने प्रसन्न होकर चंद्रमा से कहा कि आप पूरे तरीके से समाप्त नहीं होगा. ऐसे में किसी ने गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखा तो उसे भगवान गणेश के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.