Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी, हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि होती है. यह पर्व हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण होता है और इसे "विजया एकादशी" या "पापमोचिनी एकादशी" के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की पूजा और उनकी कृपा को प्राप्त करना है. विजया एकादशी को मनाने से पूरे वर्ष के पापों का प्रायश्चित्त होता है और भक्त अपने आत्मिक उत्थान के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और उन्हें तुलसी पत्र, फल, और मिठाई चढ़ाकर आराधना की जाती है. इस पर्व के दिन व्रत रखने वाले भक्त निर्जला उपवास करते हैं और रात्रि में भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. यह पर्व पूरे भारत में उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है. विजया एकादशी का त्योहार भगवान विष्णु की अनुग्रह और कृपा को प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ अवसर होता है. विजया एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. इस दिन तुलसी का विशेष महत्व होता है.
1. तुलसी पूजन: सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं. तुलसी को चंदन, रोली, अक्षत, फूल और दीप अर्पित करें. तुलसी की आरती करें और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें.
2. तुलसी माला: तुलसी की माला धारण करें. तुलसी की माला से भगवान विष्णु का मंत्र जपें.
3. तुलसी का दीप: तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं. दीपक में तुलसी के पत्ते डालें.
4. तुलसी का जल: तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर तुलसी का जल तैयार करें. इस जल का सेवन करें और अपने घर में छिड़कें.
5. तुलसी का प्रसाद: तुलसी के पत्तों से बनी मिठाई या अन्य प्रसाद बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं. इस प्रसाद को परिवार और दोस्तों में वितरित करें. इन उपायों को करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
अन्य उपाय: विजया एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को घर में लगाना शुभ माना जाता है. तुलसी के पौधे को नियमित रूप से पानी देना और उसकी देखभाल करना चाहिए. तुलसी के पत्तों को तोड़ने से पहले तुलसी से क्षमा मांगनी चाहिए. विजया एकादशी का व्रत रखने और तुलसी के उपाय करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau